गाजियाबाद – अब ग्रेटर नोएडा के नजदीक दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की जमीन पर एक नया नोएडा बसेगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले महीने शुरू हो जाएगी, अभी जिला प्रशासन जमीन खरीदेगा, और 3165 हेक्टेयर जमीन पहले चरण में अधिग्रहण की जाएगी, नोएडा प्राधिकरण की 215 वीं बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया हैं।
दरअसल पिछले दिनों यूपी के मुख्य सचिव और नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की, उन्होंने 18 अक्टूबर को New Noida Master Plan-2041 को मंजूरी दी हैं, CEO गाजियाबाद नोएडा-लोकेश एम ने बताया, कि दादरी इन्वेस्टमेंट रीजन DNCR में बनाया जाएगा। अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी, अगले महीने से इसकी शुरुआत की उम्मीद हैं, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी जिला प्रशासन द्वारा शुरू की जाएगी।
वहीं सीधे डेवपलर को जिम्मा देना या आपसी सहमति से जमीन लेना बाद में विचार किया जाएगा, जमीन प्राप्त होने पर लेआउट प्लान बनाया जाएगा, नया नोएडा 209.11 वर्ग किमी, या 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में फैलेगा। इसके लिए 800 गावों की जमीन ली जाएगी। इस मास्टर प्लान 4 चरणों में पूरा किया जाएगा, दिल्ली की एसपीए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट ने यह मास्टर प्लान बनाया हैं, ये शहर उत्तरी यूपी में विकास का प्रेरक होगा, उन्होंने बताया कि 2023 से 2027 तक 3165 हेक्टेयर जमीन विकसित की जाएगी। 2027 से 2032 तक 3798 एकड़ जमीन को इसी तरह विकसित किया जाएगा, 2032-2037 तक 5908 हेक्टेयर, फिर 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान बनाया गया हैं।
जमीन अधिग्रहण के लिए 1000 करोड़ का खर्चा
213 वी बोर्ड में प्राधिकरण ने लगभग 1000 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व किए हुए हैं, जो पूरे वित्त वर्ष में काम नहीं आए, वहीं अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में जमीन अधिग्रहण के लिए यह राशि आरक्षित की गई हैं, यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में भी प्रस्तुत किया गया था।
IET के लिए मंजूर हुआ भूखंड
प्राधिकरण ने डेटा सेंटर के लिए आरक्षित जमीन का उपयोग बदल दिया गया हैं, अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने IT-ITES का उपयोग करने का इरादा व्यक्त किया हैं। इससे अधिक काम मिलेगा। ITES के लिए सेक्टर-154 के भूखंड संख्या-2-9 और 2-11 मंजूर किए गए हैं।
49 आवंटियों पर होगी सीलिंग की तैयारी
विभिन्न सरकारी विभागों, जैसे पेट्रोल पंपों, बैंकों को प्राधिकरण अपनी संपत्ति किराये पर देता हैं, संबंधित आवंटियों ने किराया का भुगतान काफी समय से नहीं किया हैं, अधिकारियों ने कहा कि 49 आवंटियों पर 1578 करोड़ 14 लाख रुपये का बकाया अभी भी बाकी हैं, बोर्ड ने फैसला किया है कि सभी डिफॉल्टर को बकाया भुगतान करने के लिए अंतिम नोटिस भेजा जाएगा। संबंधित बिल्डिंग को इसके बाद भी भुगतान न करने पर बंद कर दिया जाएगा।
लिफ्ट लगाने की सहमति का प्रस्ताव हुआ खारिज
नोएडा प्राधिकरण द्वारा निर्मित 3-4 मंजिल की इमारत में लिफ्ट लगाने के लिए सभी नागरिकों की सहमति की आवश्यकता थी, बोर्ड ने इसे खारिज कर दिया हैं, सिर्फ ये कहा है कि संबंधित आरडब्ल्यूए की एनओसी अनिवार्य रूप से मांगी जाए, 50 प्रतिशत लोगों की सहमति पर अभी लिफ्ट लगाई जाती हे।
कर्मचारियों को दी जाएगी, चिकित्सा की सुविधा
नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत श्रम शक्ति आपूर्तिकर्ता के माध्यम से कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा देने की नीति बनाएगा, तैयार नीति कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा देगी।