UP BJP New President: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर बड़ा भूचाल आने वाला है। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के आवास पर चली करीब 3 घंटे की मैराथन बैठक ने यूपी बीजेपी की नई तस्वीर लगभग साफ कर दी है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यूपी बीजेपी के 17वें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) का नाम तय माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेते हुए बीजेपी ने अब 2027 के महायुद्ध के लिए अपनी कमर कस ली है।
अमित शाह के घर हुई ‘मैराथन’ मीटिंग
बृहस्पतिवार को दिल्ली में सियासी सरगर्मी अपने चरम पर थी। अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में यूपी के नए बॉस को लेकर गंभीर मंथन हुआ। इस रेस में योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे था। दोनों नेताओं के सामाजिक समीकरण और संगठनात्मक क्षमता को तराजू पर तौला गया। लेकिन अंत में, पार्टी हाईकमान ने पंकज चौधरी के अनुभव और उनकी बेदाग छवि पर भरोसा जताते हुए उनके नाम पर सहमति बना ली है। अब बस औपचारिक ऐलान का इंतजार है।
क्यों चुना गया पंकज चौधरी को?
पंकज चौधरी के चयन के पीछे बीजेपी की एक बहुत बड़ी और सोची-समझी रणनीति है। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले ने बीजेपी को खासा नुकसान पहुंचाया था, खासकर पूर्वांचल में कुर्मी वोट बैंक के छिटकने से। पंकज चौधरी कुर्मी समाज से आते हैं, जो यूपी में यादवों के बाद सबसे बड़ी ओबीसी आबादी है। पार्टी को उम्मीद है कि ‘अपना दल’ और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पंकज चौधरी उस रूठे हुए कुर्मी वोट बैंक को वापस लाने में ‘गेमचेंजर’ साबित होंगे।
जब पीएम मोदी ने तोड़ा था प्रोटोकॉल
पंकज चौधरी का कद पार्टी में कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने प्रोटोकॉल तोड़ दिया था। पीएम मोदी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के संकरी गलियों से पैदल चलकर पंकज चौधरी के घर पहुंचे थे। यह घटना पूर्वांचल में उनके सियासी वजन को बताने के लिए काफी है। वह 7 बार के सांसद हैं और आरएसएस (RSS) के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। विरोधी भी उनके सरल व्यक्तित्व के कायल हैं।
रविवार को होगा बड़ा ऐलान
चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडे द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, शनिवार 13 दिसंबर को नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अगर एक से ज्यादा नामांकन नहीं हुए, तो रविवार, 14 दिसंबर को दोपहर 1 बजे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर देंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं में, खासकर उनके गृह जिले महाराजगंज में, अभी से जश्न का माहौल शुरू हो गया है।
खरमास के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
सिर्फ संगठन ही नहीं, बल्कि सरकार में भी बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। खबर है कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद योगी मंत्रिमंडल (Yogi Cabinet) में भी विस्तार किया जाएगा। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए 15 जनवरी को खरमास खत्म होते ही नए चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। बीजेपी अब 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती।
जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में करीब एक साल बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन में आई गिरावट ने केंद्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया था। पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी जो कार्यकर्ताओं में जोश भर सके और ओबीसी वोट बैंक को भी साध सके। पंकज चौधरी का लंबा अनुभव और उनकी जमीनी पकड़ उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में पंकज चौधरी के नाम पर सहमति बनी।
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रविवार, 14 दिसंबर को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की औपचारिक घोषणा होगी।
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बीजेपी का फोकस 2027 चुनाव से पहले कुर्मी और ओबीसी वोट बैंक को साधने पर है।
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15 जनवरी के बाद योगी मंत्रिमंडल में विस्तार होने की प्रबल संभावना है।






