नई दिल्ली, 7 जून
Covid Guidelines: देश में कोरोना के मामलों में आए दिन गिरावट दर्ज की जा रही है। मई महा में जहां रोजाना 4 लाख के आसपास नए केस आ रहे थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 1 लाख के करीब पहुंच गई है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज हेतु संशोधित गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। जिसके तहत एंटीपाइरेटिक और एंटीट्यूसिव को छोड़कर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन समेत विभिन्न दवाओं को हटा दिया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते या हल्के लक्षण होते हैं, उन्हें किसी तरह की भी दवाइयां लेने की जरूरत नहीं है, हालांकि, दूसरी बीमारियों की जो दवाएं चल रही हैं, उसे जारी रखना चाहिए। ऐसे मरीजों को टेली कंसल्टेशन (वीडियो के जरिए उपचार) लेना चाहिए, अच्छी खुराक लेनी चाहिए, साथ ही मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी नियमों की भी पालन करनी चाहिए।
हल्के मामलों में बुखार, सांस फूलने, ऑक्सीजन लेवल या किसी भी लक्षण पर खुद निगरानी रखने की सलाह दी गई है। नई सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना के लक्षण नजर आने पर लोग एंटीपायरेटिक और एंटीट्यूसिव दवाएं ले सकते हैं, वहीं खांसी के लिए 5 दिनों तक दिन में 2 बार 800 एमसीजी की डोज पर बुडेसोनाइड ले सकते हैं। इन सबके अलावा किसी अन्य दवा की जरूरत नहीं है। अगर लक्षण बने रहते हैं या और बिगड़ते जा रहे हैं, तो मरीज की तुरंत जांच की जानी चाहिए।
सरकार की नई गाइडलाइंस में डॉक्टरों से बताया है कि अगर जरूरी न हो तो मरीज को सीटी स्कैन कराने की राय भी न दें। मालूम हो कि कई रिपोर्ट्स में ये बताया गया है कि सीटी स्कैन मशीन से निकलने वाले रेडिएशन काफी नुकसानदायक होते हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं। वहीं, मास्क, हाथों की स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंस के पालन करने के महत्व पर जोर देते हुए मरीजों को बॉडी हाइड्रेशन के साथ-साथ स्वस्थ और संतुलित खानपान की भी सलाह दी गई है। इसके साथ, मरीजों और उनके परिवारों को फोन, वीडियो-कॉल आदि के माध्यम से जुड़े रहने और पॉजिटिव बातचीत करने के लिए भी कहा गया है।