Union Budget 2025 : पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने केंद्रीय बजट 2025 (Union Budget 2025) को पंजाब विरोधी करार दिया है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब को इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं दिया गया जो राज्य के भविष्य को संवार सके। वहीं, वित्त मंत्री चीमा का कहना है कि जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार आई है, तब से पंजाब के साथ वित्तीय भेदभाव किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर CM Mann का बड़ा बयान
Delhi Elections 2025 के प्रचार के बीच CM Bhagwant Mann ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर Punjab की अनदेखी की है। उन्होंने कहा, “Punjab के किसानों और युवाओं को केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया। न तो किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी गई और न ही राज्य को किसी इंडस्ट्री के लिए कोई पैकेज दिया गया।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “इस बजट में केंद्र सरकार ने सिर्फ बिहार (Bihar) को तवज्जो दी है। पंजाब और पंजाबियों के साथ फिर सौतेला व्यवहार किया गया है। लेकिन हम अपने दम पर पंजाब को आगे ले जाएंगे।”
ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੇ ਬਜਟ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫ਼ਿਰ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਅਣਦੇਖਿਆ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਕਿਸਾਨਾਂ, ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਕੁੱਝ ਵੀ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਕੇਂਦਰ ਵੱਲੋਂ ਨਾ ਹੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲ 'ਤੇ MSP, ਨਾ ਹੀ ਸੂਬੇ ਨੂੰ ਕੋਈ ਇੰਡਸਟਰੀ ਲਈ ਪੈਕੇਜ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ। ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਅਜਿਹਾ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ ਜੋ ਕਿ ਉਸ…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 1, 2025
प्री-बजट बैठक में उठाए गए अहम मुद्दे
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जैसलमेर (Jaisalmer) में हुई प्री-बजट बैठक में पंजाब सरकार ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी थीं। इन मांगों में शामिल थे:
MSP की गारंटी (Minimum Support Price)
कृषि विविधिकरण (Agricultural Diversification) को बढ़ावा
पराली प्रबंधन के लिए विशेष सहायता (Stubble Management Support)
खेती के लिए विशेष आर्थिक पैकेज (Special Agricultural Package)
इन मुद्दों को लेकर पंजाब सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को एक ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन, पंजाब के लिए एक भी पैसा आवंटित नहीं किया गया।
बॉर्डर जिलों के लिए विशेष पैकेज की मांग
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य (Border State) है और इसके 500 किलोमीटर से अधिक का बॉर्डर पाकिस्तान (Pakistan) से सटा हुआ है। ऐसे में पंजाब के बॉर्डर जिलों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जरूरी है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि “जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को तो औद्योगिक पैकेज दिया गया, लेकिन पंजाब को कुछ नहीं मिला।”
पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की मांग
पंजाब सरकार ने केंद्र से 1,000 करोड़ रुपये की मांग की थी ताकि बॉर्डर इलाकों में पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ने इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया।
सुखबीर बादल का बयान: “MSP और किसानों को किया नजरअंदाज”
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने भी केंद्रीय बजट 2025 की आलोचना करते हुए इसे “चुनावी राज्यों पर केंद्रित” बताया। उन्होंने कहा,
“इस बजट ने कृषि अर्थव्यवस्था को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है। ना तो किसानों के लिए कोई राहत पैकेज घोषित हुआ, ना ही MSP की कानूनी गारंटी दी गई। इसके अलावा, फसल विविधिकरण (Crop Diversification) को भी बढ़ावा नहीं दिया गया।”
पंजाब को क्या मिला?
केंद्र सरकार के बजट 2025 में Punjab को नहर सिंचाई प्रणाली (Canal Irrigation System) के पुनरुद्धार के लिए कोई राशि नहीं मिली। वहीं, युवाओं, व्यापार और उद्योग को भी पूरी तरह अनदेखा कर दिया गया। रोजगार सृजन और GST सिस्टम में सुधार के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
पंजाब के साथ फिर हुआ अन्याय?
पंजाब सरकार के नेताओं के मुताबिक केंद्र सरकार का बजट 2025 पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है और Punjab के विकास के लिए इसमें कुछ भी नहीं है। कृषि, उद्योग, व्यापार, बॉर्डर सुरक्षा और पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सभी अहम मांगों को नजरअंदाज किया गया।
क्या यह बजट राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है? पंजाब सरकार और विपक्षी दलों के आरोपों से यह स्पष्ट है कि राज्य को इस बार भी निराशा ही हाथ लगी है।