Union Budget 2023: इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के अगले यूनियन बजट (Budget 2023) से बहुत उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री अपनी मांगों के बारे में वित्त मंत्री को बताया है। इसमें स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स (SPECS) का पांच साल के लिए बढ़ाने की मांग शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री ने यूनियन बजट 2023 में इस स्कीम के लिए आवंटन बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने की भी मांग की है। इंडस्ट्री ने कहा है कि SPECS स्कीम मार्च 2023 में एक्सपायर हो जाएगी। इसे और पांच साल के लिए बढ़ाने की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करेंगी।
विदेश में इंडियन प्रोडक्ट्स की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने की जरूरत
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का कहना है कि ग्लोबल ट्रेड और विदेश में इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए मौजूदा टैरिफ स्ट्रक्चर में भी बदलाव करने की जरूरत है। कोरोना की महामारी के असर को देखते हुए सरकार को यह कदम उठाना चाहिए। अभी जो टैरिफ स्ट्रक्चर है, उसके चलते वियतनाम, थाईलैंड और मैक्सिको जैसे देशों के मुकाबले इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता पर खराब असर पड़ रहा है। सप्लाई के आयात पर कस्टम ड्यूटी के नियमों को उदार बनाने से घरेलू क्षमता बढ़ेगी। इससे विदेश में दूसरे देशों के मुकाबले इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता भी बढ़ेगी।
मोबाइल फोन पर जीएसटी रेट घटाया जाए
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री से जुड़े कई पक्षों का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट लेजर में बहुत ज्यादा पैसा अटका हुआ है। इसका असर लिक्विडिटी पर पड़ रहा है। सरकार को टैक्स के लंबित मामलों के जल्द निपटारा के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है। इंडस्ट्री का यह भी कहना है कि सरकार को मोबाइल फोन पर जीएसटी रेट में कमी करने की जरूरत है। अभी मोबाइल पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी है। इसे घटाकर 12 फीसदी करना चाहिए। इससे देश में डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी।