नई दिल्ली, 04 जनवरी (The News Air): भारत सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर कड़े नियम लागू करने की तैयारी कर ली है। इस एक्ट के मसौदे के मुताबिक, अब 18 साल से कम उम्र के नाबालिग बिना माता-पिता की सहमति के सोशल मीडिया अकाउंट नहीं खोल सकेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह मसौदा जारी किया है, और जनता से 18 फरवरी 2025 तक इस पर सुझाव मांगे हैं।
नियमों की मुख्य बातें
- माता-पिता की सहमति अनिवार्य: मसौदे के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नाबालिग के अकाउंट को उसके माता-पिता की मंजूरी के बिना न खोला जाए।
- डेटा सुरक्षा पर फोकस: मसौदे में बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
- डेटा उल्लंघन की रिपोर्टिंग अनिवार्य: यदि किसी व्यक्ति के डेटा का उल्लंघन होता है, तो संबंधित संस्थाओं को न केवल जानकारी देनी होगी, बल्कि उल्लंघन की प्रकृति, समय और संभावित परिणामों के बारे में भी अवगत कराना होगा।
- डिजिटल टोकन का उपयोग: सहमति को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल टोकन का इस्तेमाल अनिवार्य होगा, जिससे यह प्रमाणित किया जा सके कि माता-पिता ने बच्चे के सोशल मीडिया इस्तेमाल की अनुमति दी है।
शैक्षणिक और बाल कल्याण संस्थाओं को छूट : मसौदे में शैक्षणिक संस्थाओं और बाल कल्याण संगठनों को कुछ मामलों में छूट प्रदान की गई है। यह कदम बच्चों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और डिजिटल दुनिया में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।