Iran News: ईरान में दो लोगों को फांसी की सजा दी गई है. दोनों ने अक्टूबर में शिया धर्मस्थल पर हमला किया था जिसमें कम से कम 13 लोगों की जान चली गई थी. तब हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. ईरानी राज्य मीडिया ने बताया कि दोनों को दक्षिणी शहर शिराज में तड़के सुबह फांसी दी गई.
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी IRNA की रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों ने कोर्ट में धर्मस्थल पर हमला में शामिल होने की बात कबूल की थी. इन दोनों ने मुकदमे के दौरान कहा था कि वे पड़ोसी अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के संपर्क में थे. इतना ही नहीं, इन्होंने यह भी कबूल किया कि शिराज में शाह चेराघ मंदिर पर हमले को आयोजित करने में मदद की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, घटना को अंजाम देते समय एक हमलावर बैग में राइफल छिपाकर मंदिर में दाखिल हुआ था. जिसके बाद उसने श्रद्धालुयों पर अंधाधुन गोलीबारी शुरू कर दी. हमलवार ने तब भागने और गलियारों में छिपने की कोशिश कर रहे श्रद्धालुओं को भी नहीं बख्शा. और उन्हें ढूंढकर गोली मार दी. इस घटना में हमलवार भी गंभीर रूप से चोटिल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. मृत बंदूकधारी की पहचान ताजिकिस्तान के नागरिक के रूप में की गई थी.
फांसी देने के मामले में ईरान का रिकॉर्ड
एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने साल 2023 के पहले छह महीनों में कम से कम 354 लोगों को फांसी दी है. नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स (आईएचआर) ने कहा कि फांसी की गति 2022 की तुलना में बहुत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद ईरान में जमकर प्रदर्शन हुए, बेकाबू होते प्रदर्शनकारियों में भय पैदा करने के लिए कईयों को मौत की सजा सुनाई गई. ऐसे में फांसी के मामले ईरान में बढ़े हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भी अब तक नशीली दवाओं से संबंधित आरोपों के लिए 206 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. जो पिछले साल इतने ही समय तक दी जाने वाली फांसी की तुलना में बहुत अधिक है.