Identity Verification Clash during Kanwar Yatra Preparation: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में कांवड़ यात्रा से पहले एक ढाबे पर पहचान बताओ अभियान (Identity Verification Campaign) के तहत हिंदू संगठनों और ढाबा कर्मचारियों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब हाईवे पर स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबा (Panditji Vaishno Dhaba) पर पहुंचे संगठन के कार्यकर्ताओं ने वहां काम कर रहे कर्मचारियों से आधार कार्ड दिखाने की मांग की।
जब एक कर्मचारी गोपाल (Gopal) आधार नहीं दिखा सका, तो आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने उसे पहचान के लिए नंगा करने की कोशिश की। इस घटना से ढाबे पर अफरा-तफरी मच गई और कर्मचारी के शोर मचाने पर उसे बाद में छोड़ दिया गया। इस दौरान ढाबे पर लगे बारकोड (Barcode) को स्कैन कर जब मालिक का नाम मुस्लिम निकला, तो वहां और ज्यादा हंगामा (Ruckus) शुरू हो गया।
यह घटना बघरा आश्रम (Baghra Ashram) के यशवीर महाराज द्वारा शुरू किए गए अभियान का हिस्सा बताई जा रही है। यशवीर महाराज ने बताया कि सावन मास की कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने और धर्म भ्रष्ट होने से रोकने के लिए 5000 से अधिक वालंटियर्स के साथ वे यह अभियान चला रहे हैं। इस दौरान होटल, ढाबा और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर नाम की जांच (Name Verification) की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी दुकानों पर मालिक और कर्मचारियों का नाम स्पष्ट रूप से चस्पा करना होगा।
पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया। एसएसपी संजय कुमार वर्मा (SSP Sanjay Kumar Verma) ने बताया कि कांवड़ मार्ग पर दुकानों को चिन्हित कर नेम प्लेट लगाने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं और इस प्रक्रिया पर काम भी शुरू हो गया है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया (Viral Video) पर तेजी से वायरल हो रहा है, हालांकि मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव हिन्दुस्तान (Live Hindustan) ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
कांवड़ यात्रा की तैयारियों के बीच यह घटना स्थानीय स्तर पर सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) को जन्म दे सकती है, जिसे रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क रहने की बात कह रहा है।