Donald Trump on Iran Regime Change—ईरान (Iran) के परमाणु ठिकानों पर हाल ही में किए गए हमलों के बाद अमेरिका (USA) और उसके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अब एक और बड़े फैसले की तैयारी में हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर तेहरान (Tehran) अमेरिका के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई करता है, तो उस पर और ज्यादा हमले किए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरान में सत्ता परिवर्तन (Regime Change) की संभावना पर विचार शुरू कर दिया है, जिससे मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।
इधर इजरायल (Israel) ने ईरान के पश्चिमी शहर केरमानशाह (Kermanshah) के पास हमले किए हैं, और अब अमेरिका ने भी इस संघर्ष में सैन्य स्तर पर एंट्री कर ली है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों पर मिसाइल और 30,000 पाउंड वजनी बंकर बस्टर बम (Bunker Buster Bombs) से हमला किया। इससे इस क्षेत्रीय संघर्ष के फैलने का खतरा गहरा गया है और तेल (Oil) की कीमतों में तेज़ उछाल देखा गया है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर लिखा कि इन हमलों में ईरान के परमाणु केंद्रों को भारी नुकसान पहुंचा है और अब नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वहीं ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना (IRNA) के मुताबिक, सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली अकबर विलायती (Ali Akbar Velayati) ने चेताया कि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए जिन देशों का इस्तेमाल किया है, वे भी अब सैन्य लक्ष्य बनेंगे।
इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने CBS को दिए साक्षात्कार में कहा, “आइए, सीधे बातचीत करें।” हालांकि बयान से यह भी साफ है कि अमेरिका एक और सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार बैठा है। उत्तर कोरिया (North Korea) ने अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए इसे ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमला बताया।
इस्फहान (Isfahan) के परमाणु स्थल पर सैटेलाइट इमेज (Satellite Images) से यह संकेत मिला है कि ईरान ने हमले से पहले सुरंगों को मिट्टी से भर दिया था। अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी (Institute for Science and International Security) द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में दिखाया गया कि चार सुरंगों में से तीन के प्रवेश द्वार पूरी तरह ढह चुके हैं। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी हमलों का निशाना स्पष्ट था।
पश्चिम एशिया (West Asia) में अमेरिकी सेना की तैनाती और इजरायल के साथ मिलकर की गई इस कार्रवाई के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ट्रंप सच में ईरान में सत्ता परिवर्तन की तरफ बढ़ रहे हैं? उनके प्रशासन के पिछले रुख के विपरीत, अब स्थिति अधिक आक्रामक और निर्णायक दिखाई दे रही है।
इस पूरे परिदृश्य में ट्रंप की चेतावनी और इजरायल की सैन्य कार्रवाई ने मिलकर मध्य-पूर्व (Middle East) की स्थिरता को चुनौती दी है। यदि तेहरान कोई जवाबी कार्रवाई करता है, तो अगली लहर और भी बड़ी हो सकती है। वहीं कूटनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि ट्रंप का यह रुख आने वाले चुनावों से पहले एक स्पष्ट रणनीतिक संकेत हो सकता है।






