Muslim Brotherhood Terrorist Designation दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे कई देशों में हड़कंप मच गया है। ट्रंप ने अब मुस्लिम ब्रदरहुड का नामोनिशान मिटाने की कसम खा ली है और इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह खबर न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भूचाल लाने वाली है, बल्कि इसका कनेक्शन भारत की सियासत से भी जुड़ता है।
ट्रंप का ‘डेथ वारंट’ तैयार
डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम ब्रदरहुड को लेकर एक सख्त आदेश साइन किया है। उन्होंने अपने अधिकारियों को तुरंत एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है ताकि यह तय किया जा सके कि क्या इस संगठन को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ घोषित किया जाना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन खास तौर पर मिस्र, लेबनान और जॉर्डन में मौजूद इसकी शाखाओं की जांच कर रहा है। आरोप है कि यह संगठन अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है और हिंसा का समर्थन कर रहा है। व्हाइट हाउस का मानना है कि लेबनान में इसके गुटों ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद हमास और हिजबुल्लाह के साथ मिलकर इजराइल पर रॉकेट दागे थे।
क्या है मुस्लिम ब्रदरहुड?
मुस्लिम ब्रदरहुड कोई नया नाम नहीं है। यह एक सुन्नी इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना 1928 में मिस्र में एक स्कूल टीचर हसन अल बन्ना ने की थी।
इसका मुख्य मकसद पूरी दुनिया में इस्लामी कानून यानी शरिया लागू करना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 9/11 हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन भी कभी इसी संगठन का सदस्य रह चुका था और यहीं से उसने आतंक का पाठ पढ़ा था। इनका नारा ही है- “इस्लाम ही समाधान है”।
बैन लगा तो क्या होगा असर?
अगर अमेरिका इसे आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर देता है, तो इसके परिणाम बेहद गंभीर होंगे।
अमेरिका को इस संगठन के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने की छूट मिल जाएगी। अमेरिका में इसकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और इसके किसी भी सदस्य को अमेरिका में घुसने नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, जो भी देश या संस्था इसकी मदद करेगी, अमेरिका उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन ले सकता है।
भारत और राहुल गांधी का कनेक्शन
इस संगठन का जिक्र आते ही भारत की राजनीति भी गर्मा जाती है। साल 2023 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से कर दी थी।
इस बयान पर भारत में भारी विवाद हुआ था और राहुल गांधी की जमकर आलोचना की गई थी। हालांकि, भारत सरकार कभी भी मुस्लिम ब्रदरहुड की विचारधारा का समर्थक नहीं रही है। भारत का स्पष्ट मानना है कि धर्म या जाति के नाम पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
‘जानें पूरा मामला’
मुस्लिम ब्रदरहुड का इतिहास काफी विवादित रहा है। 1954 में मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासर की हत्या की कोशिश के बाद इसे वहां बैन कर दिया गया था। बाद में 2013 में भी मिस्र में इसे दोबारा प्रतिबंधित किया गया। सऊदी अरब और फ्रांस जैसे देश भी इसके खिलाफ सख्त कदम उठा चुके हैं। अब ट्रंप का यह कदम इस संगठन के वैश्विक नेटवर्क पर सबसे बड़ा प्रहार साबित हो सकता है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए रिपोर्ट मांगी है।
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यह संगठन 1928 में मिस्र में बना था और इसका मकसद पूरी दुनिया में शरिया कानून लागू करना है।
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ओसामा बिन लादेन भी इस संगठन का हिस्सा रह चुका था।
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राहुल गांधी ने 2023 में RSS की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी, जिससे भारत में विवाद हुआ था।






