Trump 5 Percent Remittance Tax Proposal : अमेरिका (USA) से भारत (India) और अन्य देशों में भेजे जाने वाले पैसे पर अब डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नजर लग चुकी है। ट्रंप प्रशासन ने अब एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया है, जिससे लाखों प्रवासी भारतीयों की जेब पर सीधा असर पड़ सकता है। इस नए प्रस्ताव के तहत अमेरिका से बाहर भेजे जाने वाले धन (Remittance) पर 5% टैक्स लगाने की बात कही गई है। अगर यह बिल पास हो गया, तो भारत को हर साल लगभग 1.6 अरब डॉलर का बड़ा नुकसान हो सकता है।
389 पन्नों वाले इस नए अमेरिकी विधेयक का नाम है ‘The One Big Beautiful Bill’, जिसे अमेरिकी संसद में पेश किया गया है। इस प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि जो लोग अमेरिकी नागरिक नहीं हैं और विदेश पैसा भेजते हैं, उनके द्वारा भेजे गए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 5 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। इस विधेयक का सीधा असर उन प्रवासी भारतीयों (NRI) पर पड़ेगा जो नियमित रूप से अपने परिवारों को पैसे भेजते हैं या भारत में निवेश करते हैं।
यह बिल एक राजकोषीय पैकेज (Fiscal Package) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ट्रंप के समय की टैक्स कटौती को जारी रखना और संघीय खर्चों में कटौती करना है। इस बिल में पेज संख्या 327 पर धन प्रेषण पर 5% टैक्स का उल्लेख किया गया है, जो खासकर गैर-अमेरिकी नागरिकों को लक्षित करता है। अमेरिका न केवल भारतीय प्रवासियों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, बल्कि भारत में आने वाले कुल विदेशी रेमिटेंस का सबसे बड़ा स्रोत भी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) के अनुसार, अमेरिका में लगभग 45 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं, जिनमें से 32 लाख भारतीय मूल के नागरिक (People of Indian Origin) हैं। इनमें से अधिकांश लोग H-1B, L-1 वीजा, या ग्रीन कार्ड पर अमेरिका में रह रहे हैं। अगर ट्रंप प्रशासन का यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो इसका असर भारतीय परिवारों की आर्थिक स्थिति और देश में आने वाले विदेशी मुद्रा प्रवाह दोनों पर पड़ेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को विदेशों से 118.7 अरब डॉलर की रकम प्राप्त हुई थी, जिसमें से 32 अरब डॉलर केवल अमेरिका से आए थे। अगर 5% रेमिटेंस टैक्स लागू हो गया, तो अमेरिका से भारत पैसा भेजने वालों को हर साल 1.6 अरब डॉलर का टैक्स देना पड़ेगा, जो सीधे भारत की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा।
इस प्रस्ताव के अनुसार, यह टैक्स धन प्रेषण सेवा प्रदाता द्वारा पैसे भेजने के समय ही काट लिया जाएगा, जिससे न सिर्फ पारंपरिक बैंक ट्रांसफर, बल्कि NRE/NRO खाते के जरिए होने वाले लेन-देन भी प्रभावित होंगे। यह राशि वे लोग भेजते हैं जो अपने माता-पिता की देखभाल, मेडिकल खर्च या भारत में निवेश के लिए पैसे भेजते हैं। ट्रंप प्रशासन की यह योजना भारतीय मूल के अमेरिकियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।