US Green Card Citizenship Ban 19 Countries : एक तरफ दुनिया की नजरें रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर टिकी हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे 19 देशों में हड़कंप मच गया है। ट्रंप प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से इन 19 देशों के नागरिकों को अमेरिकी नागरिकता और ग्रीन कार्ड देने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह सख्त कदम हाल ही में व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स पर एक अफगान शरणार्थी द्वारा की गई गोलीबारी के बाद उठाया गया है।
एक नीतिगत परिपत्र (Policy Memorandum) जारी कर अमेरिकी सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (USCIS) को निर्देश दिया गया है कि शरण मांगने के सभी आवेदनों की पूरी तरह समीक्षा होने तक उन्हें तुरंत रोक दिया जाए, चाहे आवेदनकर्ता किसी भी देश का क्यों न हो। इस निर्देश ने उन 19 देशों के लोगों के ग्रीन कार्ड, अमेरिकी नागरिकता के अनुरोध और अन्य आवेदनों पर भी ब्रेक लगा दिया है, जिन पर ट्रंप प्रशासन ने इस साल जून में ट्रैवल बैन लगाया था।
ये हैं वो 19 देश जिन पर लगी रोक
व्हाइट हाउस जिन देशों को ‘चिंता वाले देश’ मानता है और जिन पर यह प्रतिबंध लागू हुआ है, उनके नाम हैं: अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो गणराज्य, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन।
ट्रंप सरकार के आदेश के मुताबिक, 20 जनवरी 2021 के बाद अमेरिका पहुंचे इन देशों के लोगों की दोबारा जांच होगी और उनका फिर से इंटरव्यू भी लिया जाएगा। ट्रंप का साफ कहना है कि इस फैसले का मकसद अवैध और परेशानी पैदा करने वाली आबादी को कम करना है। उन्होंने दावा किया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका में ऐसी सामाजिक समस्याएं नहीं थीं, लेकिन अब गलत इमीग्रेशन नीतियों की वजह से अपराध और अव्यवस्था बढ़ गई है।
व्हाइट हाउस गोलीबारी बनी वजह
ट्रंप के इस सख्त फैसले के पीछे की तात्कालिक वजह 26 नवंबर को अमेरिका में हुई एक गोलीबारी की घटना है। व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स के दो जवानों को गोली मार दी गई थी, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस मामले में एक अफगान शरणार्थी को हिरासत में लिया गया था।
एफबीआई अधिकारियों का दावा है कि हमलावर 29 साल का रहमानुल्लाह लाकनवाल था, जो अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। उसने 2024 में शरणार्थी के दर्जे के लिए अप्लाई किया था और उसे अप्रैल 2025 में मंजूरी मिली थी। ट्रंप का कहना है कि इस अफगान शरणार्थी जैसी घटनाओं की वजह से ही अमेरिका में शरणार्थी अपराध बढ़ा रहे हैं।
‘रिवर्स माइग्रेशन’ ही एकमात्र इलाज?
ट्रंप ने दो टूक शब्दों में कहा है कि तकनीकी तरक्की के बावजूद, गलत इमीग्रेशन नीतियों ने आम अमेरिकियों की जिंदगी खराब कर दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समस्या का पूरा इलाज सिर्फ ‘रिवर्स माइग्रेशन’ है, यानी लोगों को वापस उनके देश भेजना। यह साफ संकेत है कि अमेरिका अब प्रवासियों को लेकर अपनी नीतियों में और सख्ती बरतने जा रहा है।
क्या होता है ग्रीन कार्ड?
ग्रीन कार्ड को कानूनी तौर पर ‘परमानेंट रेजिडेंट कार्ड’ के नाम से जाना जाता है। यह कार्ड धारक को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने का अधिकार देता है। ग्रीन कार्ड होने पर आप अनिश्चितकाल तक अमेरिका में रह सकते हैं, किसी भी कंपनी या व्यक्ति के लिए कानूनी रूप से काम कर सकते हैं, और सामाजिक सुरक्षा व मेडिकेयर जैसे लाभ भी उठा सकते हैं। यूएसए फैक्ट्स के मुताबिक, 2013 से 2022 तक 7.16 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिल चुका है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
ट्रंप प्रशासन ने 19 देशों के नागरिकों को अमेरिकी नागरिकता और ग्रीन कार्ड देने पर तत्काल रोक लगाई।
-
यह फैसला व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स पर एक अफगान शरणार्थी की गोलीबारी के बाद लिया गया।
-
प्रतिबंधित देशों में अफगानिस्तान, ईरान, लीबिया, सोमालिया, यमन जैसे देश शामिल हैं।
-
ट्रंप ने ‘रिवर्स माइग्रेशन’ को समस्या का एकमात्र हल बताया है।






