वैश्विक लक्ष्य से तीन साल पहले 2027 तक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) से समर्थन मिलने के एक महीने बाद यह अभियान शुरू किया गया। भारत ने लसीका फाइलेरिया (LF) को खत्म करने के प्रयासों को तेज कर दिया है, जो कि मच्छर-जनित बीमारी है। इसके कारण मरीज शारीरिक रूप से अक्षम भी हो सकता है।
भारत सरकार ने एलएफ के उन्मूलन के लिए पहले से ही नए सिरे से पांच-स्तरीय रणनीति शुरू की है। इस अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘‘ एलएफ से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है।
बता दें कि फाइलेरिया से बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है। फाइलेरिया के लिए कोई टीका या इलाज नहीं है । दवाएं कई कृमियों को मार सकती हैं और आपको किसी और को संक्रमण फैलाने से रोक सकती हैं। इलाज से फाइलेरिया के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।