Punjab IAS Officers Transfer List 2025 के तहत शुक्रवार को पंजाब (Punjab) सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल करते हुए तीन वरिष्ठ IAS अधिकारियों का तबादला कर दिया। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और सभी अधिकारियों को अपने नए कार्यभार को तुरंत संभालने का निर्देश जारी किया गया है।
डी. के. तिवारी (DK Tiwari) को मिली नई भूमिका
डी. के. तिवारी (IAS – 1994), जो अब तक परिवहन विभाग (Transport Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे, उन्हें अब संसदीय कार्य विभाग (Parliamentary Affairs Department) का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। उन्होंने इस पद पर दिलराज सिंह (Dilraj Singh – IAS 2005) की जगह ली है, हालांकि दिलराज सिंह अब भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव (Health and Family Welfare Secretary), खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त (Commissioner of Food and Drug Administration), और पंजाब गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त (Punjab Gurdwara Election Commissioner) के पद पर बने रहेंगे।
कमल किशोर यादव (Kamal Kishor Yadav) को मिला महत्वपूर्ण प्रभार
कमल किशोर यादव (IAS – 2003), जो वर्तमान में तैनाती के लिए उपलब्ध थे, उन्हें अब प्रशासनिक सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग (Administrative Secretary, Industries and Commerce Department), निवेश प्रोत्साहन विभाग (Investment Promotion Department) और सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग प्रोत्साहन विभाग (Information Technology Industry Promotion Department) का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने यह कार्यभार तेजवीर सिंह (Tejveer Singh – IAS) से ग्रहण किया है।
वरुण रूजम (Varun Roojam) को नया विभाग
वरुण रूजम (IAS – 2004), जो वर्तमान में आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner, Punjab) और कर आयुक्त (Tax Commissioner, Punjab) के रूप में कार्यरत हैं, अब उन्हें परिवहन विभाग (Transport Department) का प्रशासनिक सचिव भी नियुक्त किया गया है। इसके साथ-साथ वे आबकारी और कर विभाग (Excise and Taxation Department) में अपनी वर्तमान भूमिका भी निभाते रहेंगे। उन्होंने परिवहन विभाग में डी. के. तिवारी की जगह ली है।
तत्काल प्रभाव से लागू आदेश
पंजाब सरकार की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने नए पदों पर कार्यभार तुरंत संभालने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रशासनिक फेरबदल को राज्य की सुचारु कार्यप्रणाली और विभागीय दक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।