Global Hindu Population Statistics : प्यू रिसर्च (Pew Research) की नई धार्मिक जनसंख्या रिपोर्ट ने दुनियाभर में हिंदू आबादी को लेकर कई हैरान करने वाले आंकड़े पेश किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2010 से 2020 के बीच वैश्विक स्तर पर मुस्लिम आबादी में सबसे तेज़ वृद्धि हुई है, लेकिन चौथे नंबर पर अब भी हिन्दू सबसे बड़ी धार्मिक जनसंख्या बने हुए हैं। आश्चर्यजनक रूप से, टॉप 10 हिंदू आबादी वाले देशों में से पांच देश मुस्लिम बहुल हैं, और हिंदुओं की तेज़ बढ़ोतरी अफ्रीका (Africa) जैसे इलाकों में भी दर्ज की गई है।
एशिया-पैसिफिक क्षेत्र (Asia-Pacific Region) में सबसे ज़्यादा हिंदू रहते हैं और इनमें से 95% अकेले भारत (India) में हैं। भारत में ही दुनिया के 94.5% हिंदू निवास करते हैं और देश की कुल जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी 79% है। नेपाल (Nepal) दूसरे नंबर पर आता है, जहां की कुल जनसंख्या में 81% हिंदू हैं, जो कि वैश्विक अनुपात में 2% होता है। रिपोर्ट के अनुसार, हिन्दू धार्मिक आबादी में कुल 12% की वृद्धि हुई है और संख्या 110 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ तक पहुंच गई है।
अफ्रीका और अमेरिका (Africa and America) जैसे क्षेत्रों में हिन्दू आबादी की बढ़ोत्तरी चौंकाने वाली रही है। मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (Middle East & North Africa) में हिन्दुओं की संख्या में 62% की वृद्धि हुई है, जबकि उत्तरी अमेरिका (North America) में यह बढ़ोत्तरी 55% रही है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कई मुस्लिम बहुल देशों में भी हिंदुओं की मौजूदगी अब एक सशक्त धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में उभर रही है।
टॉप 10 हिन्दू जनसंख्या वाले देशों की सूची में भारत और नेपाल के अलावा जिन अन्य देशों का नाम शामिल है, उनमें तीसरे नंबर पर बांग्लादेश (Bangladesh) है, जहां 7.9% आबादी हिन्दू है। इसके बाद पाकिस्तान (Pakistan) 2.1%, इंडोनेशिया (Indonesia) 1.6%, श्रीलंका (Sri Lanka) 14.5%, अमेरिका (USA), मलेशिया (Malaysia), यूनाइटेड किंगडम (UK) और दसवें नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शामिल हैं, जहां की आबादी में 11.8% हिंदू हैं।
बड़ी बात यह है कि इन टॉप 10 देशों में से आठ देशों में हिन्दू धार्मिक अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते हैं। खासतौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और यूएई जैसे मुस्लिम बहुल देशों में हिन्दुओं की उपस्थिति न सिर्फ बनी हुई है बल्कि इसमें वृद्धि भी दर्ज की गई है। यह तथ्य इस ओर इशारा करता है कि वैश्विक स्तर पर हिंदू समुदाय की पहुंच और स्वीकार्यता में विस्तार हो रहा है।