चंडीगढ़, 8 जुलाई (The News Air)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे भारत में सैकड़ों स्थानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। विरोध प्रदर्शन ईंधन की कीमतों में अन्यायपूर्ण और असहनीय वृद्धि के खिलाफ था जिससे किसानों सहित आम नागरिकों का जीवन प्रभावित होता है ।। आज पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई हैं और यह कीमत विमानन ईंधन की प्रति लीटर कीमत से भी ज्यादा है । 2014 में, डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद कर 3.56 रुपये से लेकर 9.48 रुपये प्रति लीटर तक था; 2021 में, यह डीजल के लिए 31.80 प्रति लीटर और पेट्रोल के लिए 32.90 हो गया है। रसोई गैस के अफोर्डेबल दामों का भी यही हाल है। हाल ही सिलेन्डर के दामो में 25/प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है। सिर्फ 2021 में ईंधन की कीमतों में 62 बार बढ़ोतरी हुई है ।
इस बुलेटिन के जारी होने तक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों से विरोध प्रदर्शन की खबरें आ चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तमिलनाडु से भी ऐसी ही रिपोर्टें आई हैं।
कुछ स्थानों पर किसानों और अन्य लोगों ने हॉर्न बजाकर विरोध किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने अपने वाहन खड़े कर दिए और अपने खाली गैस सिलेंडर रखकर ,तख्तियां और बैनर पकड़कर अपना विरोध दर्ज किया । कुछ स्थानों पर किसानों ने ट्रैक्टर जैसे वाहनों को रस्सी से खींचकर अपना विरोध प्रकट किया । पंजाब में, किसानों ने नंगे-छाती विरोध करना चुना। आज बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। ये विरोध टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर भी हुए ।
किसानों ने पुरजोर मांग की कि सरकार बिना विलंब के तुरंत कीमतों को आधा कर दे।
सिंघू बॉर्डर पर, मिशन सद्भावना के नाम पर (गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को नेत्र शिविर और रविवार को हृदय शिविर) हर सप्ताह चलने वाले चिकित्सा शिविर आज से शुरू हो गए हैं। ये हर हफ्ते विरोध प्रदर्शन के अंत तक चलेंगे और स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों की भी सेवा करेंगे।