Tobacco Products Tax Hike News: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच केंद्र सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने पूरे देश में तंबाकू उपभोक्ताओं और उद्योग जगत को चौंका दिया है। सरकार ने ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन), 2025’ को अधिसूचित करते हुए तंबाकू उत्पादों पर दशकों बाद अब तक का सबसे बड़ा टैक्स लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला, गुटखा, हुक्का और चबाने वाले तंबाकू की कीमतें आसमान छूने वाली हैं।
सिगरेट पर टैक्स में भारी उछाल
सालों से सिगरेट पर लगने वाला उत्पाद शुल्क (Excise Duty) ₹200 से ₹735 प्रति हजार स्टिक के बीच सीमित था, जिससे उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच एक संतुलन बना रहता था। लेकिन नए संशोधन ने इस संतुलन को पूरी तरह बदल दिया है। अब सिगरेट पर उत्पाद शुल्क ₹2,700 से ₹11,000 प्रति हजार स्टिक तक पहुंच जाएगा। यह कई गुना वृद्धि है, जो न केवल सिगरेट पीने वालों की जेब पर भारी पड़ेगी बल्कि पूरे बाजार को हिलाकर रख देगी।
हुक्का और चबाने वाले तंबाकू पर भी मार
यह बढ़ोतरी सिर्फ सिगरेट तक सीमित नहीं है। चबाने वाले तंबाकू पर शुल्क 25% से बढ़ाकर सीधा 100% कर दिया गया है। वहीं, हुक्का तंबाकू पर शुल्क 25% से बढ़ाकर 40% किया गया है। पाइप और सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले मिश्रणों पर तो शुल्क 60% से बढ़ाकर 325% कर दिया गया है। यह फैसला सरकार को उस वित्तीय अंतराल को भरने में मदद करेगा जो तंबाकू उपकर (Cess) समाप्त होने के बाद पैदा हुआ था।
वित्त मंत्री ने दिया स्वास्थ्य का तर्क
राज्यसभा में इस संशोधन पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाना है। उन्होंने कहा कि भारत में तंबाकू की ‘अफोर्डेबिलिटी’ (खरीदने की क्षमता) अभी भी बहुत ज्यादा है, जिससे लोग इसे आसानी से खरीद लेते हैं और अपनी सेहत खराब करते हैं। WHO के मानकों के अनुसार तंबाकू पर टैक्स 75% होना चाहिए, जबकि भारत में यह अभी 53% के आसपास है।
किसानों और श्रमिकों पर क्या होगा असर?
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस फैसले का तंबाकू किसानों और बीड़ी श्रमिकों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार लंबे समय से किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है और पिछले कुछ सालों में लाखों एकड़ जमीन तंबाकू से हटकर अन्य फसलों में बदल चुकी है। साथ ही, बीड़ी श्रमिक कल्याण योजनाओं से जुड़े हुए हैं, इसलिए उनकी आजीविका सुरक्षित रहेगी।
जानें पूरा मामला
तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का यह फैसला केवल राजस्व बढ़ाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सामाजिक संदेश भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लंबे समय से मांग कर रहे थे कि भारत में तंबाकू उत्पादों को महंगा किया जाए ताकि युवाओं और आम लोगों की पहुंच से इसे दूर रखा जा सके। सरकार का यह कदम देश के स्वास्थ्य बोझ को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
सिगरेट पर उत्पाद शुल्क ₹2,700 से ₹11,000 प्रति हजार स्टिक तक बढ़ा।
-
चबाने वाले तंबाकू पर टैक्स 25% से बढ़कर 100% हुआ।
-
वित्त मंत्री ने कहा, इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के नुकसान से बचाना है।
-
सरकार का दावा, किसानों और बीड़ी श्रमिकों पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।






