Private Schools Regulation – पंजाब (Punjab) सरकार ने राज्य के प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) में किताबों (Books) और यूनिफॉर्म (Uniform) की अनियमितताओं और मनमर्जी पर शिकंजा कसते हुए बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। अब राज्य भर के जिलाधिकारियों (Deputy Commissioners – DCs) को अधिकार दिए गए हैं कि वे इन शिकायतों पर सीधे संज्ञान लें और तुरंत कार्रवाई करें। इस निर्णय की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने दी।
हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि सरकार को लगातार कई जिलों से शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ प्राइवेट स्कूल किताबों और यूनिफॉर्म के नाम पर विद्यार्थियों और अभिभावकों से अतिरिक्त पैसा वसूल रहे हैं। खासकर पटियाला (Patiala) जिले में इस मामले को लेकर ऑडिट प्रक्रिया भी जारी है।
बिना अनुमति बदली जा रही हैं किताबें
शिक्षा मंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि कुछ स्कूलों ने पिछले साल की किताबें इस वर्ष बदल दीं, जबकि वर्ष 2023 में सरकार ने साफ निर्देश दिए थे कि सभी स्कूलों में केवल एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें पढ़ाई जाएं। यूनिफॉर्म को लेकर भी कुछ स्कूलों में ऐसी शर्तें रखी जा रही हैं, जो छात्रों के परिवारों पर आर्थिक बोझ डालती हैं। शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि बच्चों और उनके परिजनों से किसी भी प्रकार की जबरन वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत
इसके साथ ही पंजाब सरकार ने एक नई पहल ‘स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम फॉर सिविल ऑफिसर्स फॉर पंजाब (School Mentorship Program for Civil Officers for Punjab)’ का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस योजना को हाल ही में कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में मंजूरी दी गई।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), और आईएफएस (IFS) अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में मेंटर की भूमिका निभानी होगी। उनका उद्देश्य यह होगा कि वे अपने अनुभव और उपलब्धियों से बच्चों को प्रेरित करें और उन्हें भी बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने के लिए मार्गदर्शन दें।
DC हिमांशु जैन का प्रेरणादायक उदाहरण
शिक्षा मंत्री ने जालंधर (Jalandhar) के डीसी हिमांशु जैन (Himanshu Jain) का उदाहरण देते हुए बताया कि एक समय वह स्वयं स्कूल में पढ़ते समय एक डीसी को देखकर प्रेरित हुए थे और उसी प्रेरणा से आज वे इस पद तक पहुंचे हैं।
इस प्रोग्राम के तहत सभी अफसर पांच वर्षों तक संबंधित स्कूलों के मेंटर रहेंगे और स्कूल के बाहर उनका नाम एक बोर्ड पर लिखा जाएगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से खासकर बॉर्डर एरिया (Border Area) के विद्यार्थियों को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा और वे भी उच्च पदों तक पहुंचने का सपना साकार कर सकेंगे।