Monsoon Tips: मानसून के दिनों में कपड़े सही ढंग से नहीं सूखते और न ही उसमें पर्याप्त धूप लगती है। इसके अलावा, सिंथेटिक कपड़े से भी त्वचा संबंधी परेशानियां होती हैं। अगर किसी कारणवश फंगल संक्रमण हो जाता है, तो आयुर्वेद के अनुसार उसे सही करने के कई तरीके हैं।आज हम आपको उन्हीं तरीकों के बारे में बताएंगे।
नीम: नीम के पत्तों को पीसकर उनका पेस्ट बनाएं और फिर इसे आपनी त्वचा के प्रभावित इलाकों पर लगाएं। नीम के एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण फंगल इंफेक्शन को रोकने में मदद करते हैं।
तुलसी: तुलसी के पत्तों के पेस्ट का उपयोग त्वचा के प्रभावित भागों पर कर सकते हैं। तुलसी के एंटिबैक्टीरियल गुण फंगल इंफेक्शन को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
टी ट्री तेल: टी ट्री तेल एक शक्तिशाली एंटीफंगल और एंटिसेप्टिक आयुर्वेदिक उपाय है। इसे एक विषाक्त तेल के रूप में प्रयोग करें और इसे सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। ध्यान दें कि टी ट्री तेल को बिल्कुल निर्देशित रूप से ही प्रयोग करें।
जम्बीर: जम्बीर के रस को पानी में मिलाकर और फिर इसे इंफेक्टेड इलाके पर लगाएं। जम्बीर में विरोधीजनक और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
सरसों का तेल: सरसों के तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं और यह त्वचा को संरक्षित रखने में मदद करता है। इसे त्वचा के प्रभावित भागों पर लगाएं और रात को सोते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक स्नान: बरसात में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बने साबुन या शावर उपयोग करें, जो त्वचा को स्वच्छ और सुरक्षित रखेगा।
ध्यान दें कि यदि फंगल इंफेक्शन बहुत गंभीर है या लंबे समय से है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उनके साथ संपर्क करके सही उपाय का चयन करना चाहिए। आयुर्वेदिक उपचार बिना विशेषज्ञ के परामर्श के स्वयं चिकित्सा के रूप में उपयोग किए जाने की सलाह नहीं दी जाती है।