AI Job Loss Risk Report – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) यानी एआई (AI) का तेजी से बढ़ता प्रभाव अब सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह इंसानी नौकरियों पर भी सीधा असर डालने लगा है। एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले पांच सालों (five years) में एआई के कारण ड्राइवर्स (Drivers), कोडर्स (Coders), रिक्रूटर्स (Recruiters) समेत 8 तरह की नौकरियां (Jobs) पूरी तरह खत्म हो सकती हैं।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि एआई का सबसे ज्यादा प्रभाव उन नौकरियों पर पड़ेगा जो रिपिटिटिव यानी दोहराए जाने वाले कामों पर आधारित हैं। ड्राइविंग (Driving) इसका सबसे सटीक उदाहरण है। दुनिया के कई देशों में सेल्फ-ड्राइविंग कार्स (Self-driving Cars) और डिलीवरी ड्रोन्स (Delivery Drones) की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है, और जैसे-जैसे यह तकनीक बेहतर होती जा रही है, ट्रक ड्राइवर्स (Truck Drivers), टैक्सी ड्राइवर्स (Taxi Drivers) और डिलीवरी बॉयज (Delivery Boys) की जरूरत कम होती जाएगी।
इसी तरह, रिक्रूटमेंट इंडस्ट्री (Recruitment Industry) भी एआई के प्रभाव से अछूती नहीं रह गई है। पहले जहां रिक्रूटर्स उम्मीदवारों की प्रोफाइल स्क्रीन करते, इंटरव्यू शेड्यूल करते और टैलेंट का चुनाव करते थे, अब वही काम मशीन लर्निंग (Machine Learning) और एआई टूल्स (AI Tools) कर रहे हैं। रिज्यूमे स्कैनिंग (Resume Scanning), स्किल्स एनालिसिस (Skills Analysis) और कैंडिडेट इवैल्यूएशन (Candidate Evaluation) जैसे काम अब पूरी तरह से ऑटोमेट हो चुके हैं।
कोडिंग सेक्टर की बात करें तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स (Software Engineers) और प्रोग्रामर्स (Programmers) की नौकरी भी अब खतरे में है। आज ChatGPT और GitHub Copilot जैसे एआई टूल्स न सिर्फ कोड लिखते हैं बल्कि उसे रिव्यू भी करते हैं। ये टूल्स अब पूरे के पूरे प्रोग्राम लिखने में सक्षम हैं, जो पहले केवल बेसिक कार्यों तक सीमित थे।
इसके अलावा, डेटा एंट्री ऑपरेटर्स (Data Entry Operators), कस्टमर सर्विस एजेंट्स (Customer Service Agents) और फैक्ट्री वर्कर्स (Factory Workers) की नौकरियां भी इस लिस्ट में शामिल हैं। AI चैटबॉट्स (AI Chatbots) अब कस्टमर के सवालों का जवाब देने में इंसानों की जगह ले रहे हैं और फैक्ट्रियों में इंडस्ट्रियल रोबोट्स (Industrial Robots) उत्पादन प्रक्रिया को ऑटोमेट कर रहे हैं।
हालांकि, इस तकनीकी बदलाव के बीच कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि एआई केवल जॉब्स खत्म नहीं करेगा, बल्कि नई नौकरियों (New Jobs) का भी सृजन करेगा। एआई सिस्टम्स को डेवलप (Develop), मैनेज (Manage) और ट्रेन (Train) करने के लिए नए स्किल्स की जरूरत होगी। इसलिए, मौजूदा वर्कफोर्स को अपस्किलिंग (Upskilling) और रीस्किलिंग (Reskilling) के जरिए भविष्य के लिए तैयार करना ज़रूरी हो गया है।