Deepseek AI : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के क्षेत्र में एक नई हलचल मच गई है। जब पूरी दुनिया ChatGPT और अन्य AI टूल्स को अपनाने में व्यस्त थी, तब चीन (China) ने चौंकाते हुए अपना Deepseek AI टूल लॉन्च कर दिया। Deepseek के लॉन्च होते ही अमेरिका (USA), भारत (India) और अन्य देश इसे लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह AI टूल केवल टेक्नोलॉजी का विकास है, या फिर चीन की नई डेटा जासूसी रणनीति?
Deepseek AI पर क्यों है इतना बवाल?
Deepseek AI टूल अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है, लेकिन इसके लॉन्च होते ही इसे लेकर कई तरह की धारणाएँ बन चुकी हैं। टेक विशेषज्ञों का मानना है कि यह AI टूल चीन की डेटा जासूसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। Deepseek के जरिए चीन आपके फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस में सेंध लगा सकता है।
Deepseek बनाम ChatGPT: क्या है फर्क?
Deepseek को लेकर खास बात यह है कि इसे बेहद कम लागत में तैयार किया गया है, जबकि अन्य AI मॉडल्स को विकसित करने में अरबों डॉलर खर्च होते हैं। चीन के इस कदम ने दुनिया के AI बाजार को चौंका दिया है।
क्या भारत और अमेरिका Deepseek को बैन करेंगे?
भारत और अमेरिका पहले भी कई चीनी ऐप्स और टूल्स को बैन कर चुके हैं। TikTok, Huawei और अन्य ऐप्स पर डेटा चोरी के आरोप लग चुके हैं। ऐसे में Deepseek को भी शक की नजरों से देखा जा रहा है।
Deepseek AI की डेटा पॉलिसी
Deepseek की अपनी डेटा कलेक्शन पॉलिसी है, जिसमें तीन तरह से जानकारी इकट्ठा की जाती है:
यूजर द्वारा दी गई जानकारी – नाम, ईमेल, टेलीफोन नंबर।
ऑटोमैटिक डेटा कलेक्शन – डिवाइस इंफोर्मेशन और नेटवर्क डिटेल्स।
थर्ड-पार्टी डेटा कलेक्शन – अन्य स्रोतों से डेटा प्राप्त करना।
अमेरिका का वॉल स्ट्रीट (Wall Street) क्यों हिल गया?
जब चीन ने क्रिसमस के ठीक बाद Deepseek V3 मॉडल लॉन्च किया, तो AI मार्केट में तहलका मच गया। इससे अमेरिका का स्टॉक मार्केट भी प्रभावित हुआ, और कई AI कंपनियों के शेयर गिर गए।
क्या Deepseek सुरक्षित है?
Deepseek को लेकर अभी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। हालांकि, इसकी डेटा प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कई देशों में चिंता है। क्या भारत और अमेरिका इसे बैन करेंगे? यह देखने वाली बात होगी।