Geminid Meteor Shower: दिसंबर का महीना सिर्फ कड़ाके की ठंड ही नहीं, बल्कि आसमान में कुछ सबसे रोमांचक दृश्य भी लेकर आता है। इस साल भी 13 और 14 दिसंबर की रात आकाश में टूटते सितारों का ऐसा ही एक अद्भुत और मनमोहक नजारा देखने को मिलने वाला है।
यह साल की सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक उल्का वर्षाओं में से एक है, जिसे ‘जेमिनिड्स’ कहा जाता है। यदि मौसम ने साथ दिया और बादलों ने कोई बाधा नहीं डाली, तो इस खगोलीय घटना को देखने के लिए आपको किसी दूरबीन या विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होगी। इसे आप सीधे अपनी खुली आंखों से देख सकते हैं।
‘शाम होते ही दिखने लगेगा नजारा’
खगोल विज्ञान की दुनिया में जेमिनिड्स उल्का वर्षा को बहुत खास स्थान प्राप्त है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस दौरान प्रति घंटे औसतन 30 से 40 उल्काएं आसमान में चमकती हुई दिखाई देती हैं। कई बार तो यह संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है।
रात के अंधेरे में जब ये उल्काएं तेजी से वायुमंडल में प्रवेश करती हैं, तो ऐसा लगता है मानो सितारे टूटकर धरती की ओर गिर रहे हों। खगोल विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर ज्यादातर उल्का वर्षाएं आधी रात के बाद साफ दिखती हैं, लेकिन जेमिनिड्स की खास बात यह है कि इन्हें शाम होते ही देखा जा सकता है। यही वजह है कि यह आम लोगों में बहुत लोकप्रिय है।
‘1862 में पहली बार दिखा था’
इन उल्काओं को पहली बार साल 1862 में इंग्लैंड के मैनचेस्टर में देखा गया था। खगोलविदों का कहना है कि हर साल यह उल्का बौछार और तीव्र होती जा रही है।
इसके अलावा, 21 दिसंबर की रात से ‘उर्सिड्स’ उल्का बौछार भी नजर आएगी, जिसे 22 दिसंबर तक देखा जा सकेगा। हालांकि, जहां चांदनी रात होगी, वहां इसे देखना थोड़ा कठिन होगा। इसमें हर घंटे करीब 10 उल्काएं गिरती नजर आती हैं।
‘इन जगहों से दिखेगा शानदार व्यू’
उल्का वर्षा का पूरा आनंद लेने के लिए साफ आसमान, कम रोशनी और प्रदूषण मुक्त वातावरण बेहद जरूरी है। इसी कारण पहाड़ी और दूरदराज के इलाके इसके लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र इसके लिए बेहतरीन जगहें हैं। इसके अलावा, दक्षिण भारत के ऊंचे पठारी इलाके जैसे कर्नाटक और केरल के पहाड़ों से भी यह खगोलीय नजारा बेहद शानदार दिखाई देता है।
अगर आप भी प्रकृति और ब्रह्मांड के इन चमत्कारों को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो दिसंबर की इन ठंडी रातों में खुले आसमान के नीचे कुछ समय जरूर बिताएं। हो सकता है कोई टूटता सितारा आपकी आंखों के सामने चमके और आपके मन में कोई नई उम्मीद जगा जाए।
मुख्य बातें (Key Points)
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13 और 14 दिसंबर की रात आसमान में जेमिनिड्स उल्का वर्षा का अद्भुत नजारा दिखेगा।
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इसे देखने के लिए किसी दूरबीन की जरूरत नहीं, यह खुली आंखों से दिखाई देगा।
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यह उल्का वर्षा शाम होते ही शुरू हो जाती है, जिसमें प्रति घंटे 30-40 उल्काएं दिख सकती हैं।
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पहाड़ी और कम प्रदूषण वाले इलाके जैसे लद्दाख, हिमाचल या राजस्थान इसे देखने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।






