लखनऊ, 8 सितंबर (The News Air)
देश के ज़्यादातर हिस्सों में कोरोना के केस पर ब्रेक लग गया लेकिन उत्तर प्रदेश के सामने सेहत के समक्ष एक और ख़तरा आ खड़ा हुआ है. यूपी इससे निपटने की कोशिशों में ही लगा था कि अब जानलेवा बुख़ार यूपी के अलावा एमपी और बिहार के कई ज़िलों तक पहुंच गया है. यूपी के फिरोज़ाबाद में 105 नए बुख़ार के मरीज़ अस्पताल में भर्ती हुए तो वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल में ही 200 से ज़्यादा बच्चे बीमार हैं. वहीं, बिहार के सिर्फ़ 4 ज़िलों में ही 400 से ज़्यादा बुख़ार के मरीज़ मिले हैं.
उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) में इन दिनों बुख़ार के कहर से कई बच्चों की जान चली गई है. इसका सबसे ज़्यादा कहर फिरोज़ाबाद ज़िले में देखने को मिला है. इसके अलावा मुरादाबाद, मऊ इटावा और प्रयागराज से भी ख़बरें सामने आ रही हैं जहां बच्चों की बुख़ार से मौत हो गई. प्रशासन हालात पर क़ाबू पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन यूपी में बढ़ रहे बुख़ार के मामलों के चलते हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं.
मुरादाबाद में बुख़ार से बुरा हाल-मुरादाबाद में डेंगू और वायरल बुख़ार के मरीज़ सरकारी अस्पतालों के बाहर लाइन लगाए खड़े हैं. इलाज के लिए लंबी लाइन लगी है लेकिन अस्पतालों का आलम ये है कि ओपीडी के बाहर मरीज़ों और उनके परिवार वालों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ़ ज़िले के सीएमओ एमसी गर्ग का कहना है कि हालात अब हमारे नियंत्रण में है.
कासगंज में अब तक 11 की मौत-कासगंज में भी वायरल बुख़ार से 6 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई है. ज़िला प्रशासन ने इस रहस्यमयी बीमारी को खोजने और इस बीमारी से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ज़िले में अभी तक कोई भी डेंगू का केस नहीं मिला है.
बागपत में कहर बरपा रहे डेंगू-मलेरिया-बागपत में वायरल फीवर से अब तक 2 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई है. जिससे स्वास्थ्य विभाग और अधिकारियों में हड़कंप मचा मच गया. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में अब भी 100 से अधिक लोग बीमार पाए गए हैं जिनमें 76 लोग वायरल फीवर की चपेट में हैं. बीमार मरीज़ों के मलेरिया और डेंगू के टेस्ट कराए जा रहे हैं. जिस इलाक़े में लोग अधिक बीमार हैं वहाँ प्रशासन की तरफ़ से स्वास्थ्य कैम्प भी लगाए जा रहे हैं. ज़िले में तेज़ी से फैलते वायरल फीवर को देखते हुए प्रशासन की तरफ़ से हाउस टू हाउस सर्वे कराया जा रहा है. जिसमें घर-घर जा कर बुख़ार के मरीज़ों को देखा जा रहा है.
क्या कहते हैं डॉक्टर?-आस्था हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनव तोमर के मुताबिक़, समय से सही उपचार शुरू करके इस बुख़ार से पूरी तरह बचाव संभव है, लेकिन देरी से इलाज मिलना जानलेवा हो सकता है.
बुख़ार पर शुरू हुई राजनीति-हालांकि यूपी के लोगों की चिंता करने की बजाय इस मुद्दे पर राज्य में राजनीति हो रही है. यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि बुख़ार के केस बढ़ने के बाद सरकार सतर्क हो गई है, वहीं समाजवादी पार्टी नेता सुनील यादव ने कहा कि मच्छर तबाही मचा रहा है और सरकार तो माफ़िया चला रहे हैं.
मायावती ने योगी सरकार को लिया आड़े हाथों-बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने योगी सरकार पर अस्पतालों में उचित इंतज़ाम नहीं होने का आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यूपी में कोरोना महामारी के बीच डेंगू और दूसरी रहस्यमयी बुख़ार का प्रकोप भी यहां बड़ी तेज़ी से लगभग पूरे प्रदेश को अपने चपेट में ले रहा है. लेकिन सरकारी अस्पतालों में उचित व्यवस्था के अभाव में इनके मरीज़ों की काफ़ी मौतें भी हो रही हैं, जो अति-चिन्तनीय है. सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे.’