सिंघु बॉर्डर, 16 अक्टूबर (The News Air)
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के बीच 35 वर्षीय दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा और लखीमपुर केस के बाद अब इस कांड ने किसान आंदोलन पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। सिंघु बार्डर पर बर्बरता से हुई शख्स की हत्या के बाद twitter पर twitter पर #SinghuBorderHorror ट्रेंड पकड़ गया है।
किसान संगठनों का हत्या से कोई लेना-देना नहीं-सिंघु बॉर्डर पर हत्या के बाद निशाने पर आए किसान संगठनों के बचाव में किसान नेता राकेश टिकैत ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी की साजिश है। केंद्र के लोगों ने उकसाकर यह हत्या कराई है। इस हत्या का किसान संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है। टिकैत ABP न्यूज से बात कर रहे थे। टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम कराने प्रशासन को सरकार ने करोड़ों रुपए दिए हैं।
Twitter पर उठी हिंसक आंदोलन के Action की मांग-इस हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में एक याचिका लगाकर सिंघु बॉर्डर खाली कराने की मांग उठाई गई है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह यह दिल दहलाने वाला क्राइम सामने आया था। यहां गुरुवार रात इस युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी निहंगों ने ली है। मृतक मजदूर था और पंजाब के तरन तारन का रहने वाला था। इस घटना के बाद twitter पर कुछ तरह के कमेंट्स आए…
-#मुझे नहीं पता था कि सिख लोग मॉब लिंचिंग( mob lynching) या किसी इंसान की बेरहमी से हत्या में भी शामिल हो सकते हैं। ऐसा लगता है कि दलित किसी भी तरह के समाज के लिए आसान निशाना हैं। यह संवैधानिक या लोकतांत्रिक(democratic) नहीं है।-#इन नीले राक्षसों( blue monsters) ने सभी गुरुओं को नीचा दिखाया है।
#भारत में ईशनिंदा(blasphemy) के नाम पर बर्बर हत्या की अनुमति नहीं है।
#क्षमा करें, 26 जनवरी की घटना में उचित कार्रवाई नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई।
#JusticeForLakhbirSingh
#SinghuBorderHorror
#मुझे लगता है कि नकली किसान विरोध(Fake Farmers Protest) सीएए विरोध ( Anti-CAA protest) का एक विस्तार है। इन दोनों विरोधों पर एक ही भारत विरोधी एजेंडा(Anti-India agenda) लागू किया गया।
#यह बेशर्म राक्षस नकली बहादुरी का डींग मारते हुए अफगानिस्तान के सिखों के समर्थन में कुछ नहीं कहेगा।
#सारे borders बंद करके लाखों लोगों के लाखों रुपये बर्बाद कराने और हत्या जैसे जघन्य अपराध करने वालों के विरुद्ध सरकार कुछ कर सकती है क्या?
# ये विडियो ‘काबुल’ से है या यह कृत्य ISIS का नहीं है। ये भारत की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के नाम पर हैवानियत की तस्वीर है! अनुसूचित वर्ग के युवक की तालिबानी तरीके से की गई निर्मम हत्या क्या आतंकवाद नहीं?
#DGPHaryana कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
# इन देशद्रोही #खालिस्तानी आतंकवादियों(Khalistani terrorists) को हटाना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। वे किसान नहीं हैं।
#भारत की एकता और अखंडता(Unity & Integrity) को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बल का प्रयोग करना चाहिए।