चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के विधायकों को अब उनकी तनख्वाह ही कम लगने लगी है, जिस कारण वह 84 हजार रुपये प्रति महीना से ज्यादा सरकार से चाहते हैं। शिरोमणि अकाली दल के विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी आदेश दे दिए हैं कि इस मामले में जल्द ही कुछ ना कुछ हल निकाला जाएगा, ऐसे में विधायकों की तनख्वाह में अच्छी खासी बढ़ोतरी होने के आसार भी पैदा हो गए हैं। अकाली दल के विधायक से पहले कांग्रेस प्रतिपक्ष लीडर प्रताप सिंह बाजवा की तरफ से भी यह मुद्दा विधानसभा के अंदर उठाया गया था।
जानकारी के अनुसार पंजाब के विधायकों को तनख्वाह (MLA SALARY) व अन्य तरह के भत्तो को मिलाकर हर महीने 80 हजार के करीब बैंक खाते में पहुंच जाते है। इस 84 हजार के अलावा चंडीगढ़ विधानसभा में मीटिंग में भाग लेने के लिए प्रतिदिन का 1500 रुपये अलग से विधायकों को दिया जाता है जो कि हर महीने लगभग 30 से 40 हजार तक पहुंच जाता है। हर महीने इतनी तनख्वाह व भत्तो के मिलने के बावजूद भी विधायकों को लग रहा है कि उनकी तनख़ाह काफी ज्यादा कम है और उसमें बड़े स्तर पर बढ़ोतरी होने की जरूरत है। इस मुद्दे को लेकर बीते दिन विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के विधायक डॉ सुखविंदर सिंह सुखी के द्वारा मुद्दा भी उठाया गया था, जिसको लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से वादा कर दिया गया है। जल्द ही इस मामले में कुछ ना कुछ कर दिया जायेगा l
विधानसभा की कमेटी जल्द पेश करेगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री विक्रांत मान की तरफ से स्पीकर कोलतार सिंह सभा को निवेदन किया गया कि इस मामले में बनी हुई कमेटी को यह मुद्दा भेज दिया जाए ताकि वह गहन चर्चा के पश्चात इस मामले में विधानसभा में रिपोर्ट पेश करें। कमेटी की सिफारिश के अनुसार ही विधायकों की तनख्वाह या भत्तों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया जाएगा।
प्रताप सिंह बाजवा के उठा चुके हैं मुद्दा
पंजाब विधानसभा के पिछले सत्र में प्रतिपक्ष लीडर प्रताप सिंह बाजवा भी विधायकों की तनख्वाह कम होने का मुद्दा उठा चुके हैं l उस समय इस मुद्दे को लेकर उनकी मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अच्छी खासी बहस भी हो गई थी। इस बहस में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहां तक कह दिया था कि वह विधानसभा में तनखाह लेने आए हैं या फिर आम लोगों की समस्या का हल करने के लिए आए हैं।