टोक्यो, 3 सितंबर (The News Air)
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के तौर पर इस महीने होने वाले रि-इल्केशन में अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे। इससे ये बात क्लीयर हो गई कि सितंबर अंत तक वह पीएम के तौर पर इस्तीफ़ा दे देंगे। ठीक एक साल पहले शिंजो आबे के इस्तीफ़े के बाद सुगा को प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था। ये हैरान करने वाला फ़ैसला ऐसे समय पर आया है, जब सुगा की अप्रूवल रेटिंग इस समय सबसे निचले स्तर पर है। बता दें कि जापान वर्तमान में कोरोना की सबसे बुरी लहर का सामना कर रहा है। कोरोना से निपटने के लिए तेज़ी से कार्रवाई न करने और ज़न स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बावज़ूद ओलंपिक आयोजित करने को लेकर सुगा की देश में काफ़ी आलोचना की जा रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारक एनएचके के अनुसार सुगा ने शुक्रवार को उनकी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के कार्यकारी अधिकारियों को बताया कि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे, जिसके लिए 29 सितंबर को चुनाव होने हैं। इसका मतलब है कि जापान को एक नया नेता मिलेगा, जो एलडीपी के प्रमुख के रूप में चुना जाएगा। पार्टी को संसद में बहुमत प्राप्त होने के कारण उसके नेता को ही जापान का नेता चुना जाएगा।
जापान में फ़िलहाल आपातकाल लागू है। देश में 15 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी काफ़ी धीमी है। कोरोना से बिगड़े हालातों के बीच ओलंपिक गेम्स का आयोजन करना लोगों के बीच ख़ासा अनपॉपुलर रहा।
एक रिपोर्ट के अनुसार सुगा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के महासचिव ने कहा कि आज कार्यकारी बैठक के दौरान सुगा ने कहा है कि वह कोरोना से निपटने वाले उपायों के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और वह इस महीने पार्टी नेतृत्व के लिए होने वाले चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस फ़ैसले से हैरान हूं। उन्होंने अच्छा काम किया, लेकिन उन्होंने अपना फ़ैसला कर लिया है।
सत्तारूढ़ एलडीपी अपने अध्यक्ष को चुनने के लिए 29 सितंबर को चुनाव करेगी। नेतृत्व चुनाव के विजेता के व्यापक रूप से जापान के पीएम होने की उम्मीद है, क्योंकि एलडीपी के पास संसदीय बहुमत है। स्ट्रॉबेरी किसानों के परिवार से आने वाले 72 वर्षीय सुगा को सबसे पहले 1987 में योकोहामा सिटी काउंसिल से चुना गया था। इसके बाद 1996 में उन्हें पहली बार सांसद के रूप में चुना गया। 2005 में प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी ने उन्हें आंतरिक मामलों और संचार का वरिष्ठ उप मंत्री नियुक्त किया। अगले साल कोइजुमी के उत्तराधिकारी शिंजो आबे ने तीन कैबिनेट पदों के साथ मंत्री के रूप में प्रमोट किया।
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