चंडीगढ़, 10 सितंबर (The News Air)
2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे राजनीतिक दलों को 32 किसान संगठनों के नेताओं ने खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि उनकी रैलियों के चक्कर में किसान आंदोलन कमज़ोर पड़ रहा है, इसलिए वह चुनाव की घोषणा तक रैलियों पर रोक लगाएं। किसानों की इस कचहरी में शिअद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत छह राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
पंजाब के 32 किसान संगठनों ने भाजपा को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों के साथ बैठक का एलान किया था। इसी के तहत शुक्रवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित पीपल्स कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को किसान कचहरी का आयोजन किया। जिसमें पहले चरण में शिअद और दूसरे चरण में कांग्रेस और तीसरे चरण में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया। इन दलों के अतिरिक्त शिअद- बसपा और लोक इंसाफ़ पार्टी ने भी किसान कचहरी में भाग लिया।
सभी दलों को किसान नेताओं ने आगाह किया कि चुनाव की घोषणा तक वह राज्य में चुनावी रैलियों और जनसंपर्क आदि न करें। चुनाव प्रचार के कारण गांवों में भाईचारा ख़राब हो रहा है, जिसका सीधा असर उनके आंदोलन पर पड़ रहा है। उन्होंने सियासतदारों को कहा कि अगर वह इन रैलियों पर जल्द ब्रेक नहीं लगाएंगे तो वह उनका उग्र विरोध जारी रखेंगे। मोगा और करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और किसानों पर दर्ज़ हुए मुक़दमों को लेकर भी किसान नेताओं ने राजनीतिक दलों को खरी-खरी सुनाई।
शिरोमणि अकाली दल ने यह रखा प्रस्ताव– शिअद ने किसान संगठनों के सामने अपना पक्ष रखा और कहा कि रैलियों के ज़रिए ही नेता जनता के बीच पहुंच पाते हैं, यदि वह रैलियां ही नहीं करेंगे तो जनता के बीच कैसे पहुंच पाएंगे। शिअद की ओर से विकल्प रखा गया कि किसान रैलियां जारी रखें, जब भी किसानों का कार्यक्रम होगा शिअद अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर देगा। शिअद की ओर से प्रो. चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बैठक में हिस्सा लिया।
सिद्धू बोले- कांग्रेस किसानों के साथ-किसानों की इस कचहरी में पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, संगठन महासचिव परगट सिंह और कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा के साथ पहुंचे। जहां उन्होंने हाल ही में हुई लाठीचार्ज की घटनाओं पर प्रति खेद प्रकट किया। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि कांग्रेस उनके साथ है और उनकी मांगों को वह आगे तक ले जाएंगे।
सत्ता में आते ही कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लाएंगे प्रस्ताव: आप-आम आदमी पार्टी की ओर से किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, विधायक अमन अरोड़ा और बलजिंदर कौर शामिल हुए। आप नेताओं ने किसान संगठनों को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी हमेशा से किसानों के साथ है और भविष्य में भी साथ रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता में आते ही पंजाब में तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी।
क्यों लगानी पड़ी किसान कचहरी-किसान नेताओं के अनुसार मज़बूरी में किसान कचहरी का आयोजन करना पड़ा। 32 किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि शिअद की चुनावी ‘गल पंजाब’ मुहिम के कारण किसान आंदोलन बर्बाद हो रहा है। गांवों में सियासत के कारण भाईचारे पर असर पड़ रहा है। पंजाब में एक बार फिर से आंदोलन को राज्य में मज़बूत आधार देने के लिए चुनाव की घोषणा तक इन रैलियों पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाना अनिवार्य है।