Delhi Name Change Issue: दिल्ली विधानसभा (Delhi Vidhan Sabha) के पहले सत्र में एक बड़ा मुद्दा गूंजा। Najafgarh का नाम बदलने की मांग उठाते हुए भाजपा (BJP) विधायक नीलम पहलवान (Neelam Pehalwan) ने सरकार से इसे Nahargarh करने की अपील की। विधानसभा में इस मांग का सत्ता पक्ष ने मेज थपथपाकर स्वागत किया, हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया।
क्यों उठी Najafgarh का नाम बदलने की मांग?
विधायक नीलम पहलवान ने विधानसभा में कहा,
“मेरी विधानसभा दिल्ली देहात की है और वहां से हरियाणा की तीन सीमाएँ लगती हैं। जब मुगल शासक बादशाह आलम द्वितीय (Shah Alam II) ने नजफगढ़ को संभाला, तब हमारे क्षेत्र पर भारी अत्याचार हुए थे। 1857 की क्रांति (1857 Revolution) में राजा नाहर सिंह (Raja Nahar Singh) ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और इस क्षेत्र को दिल्ली प्रांत में शामिल किया था।”
नीलम ने आगे कहा कि, “हम कई वर्षों से Najafgarh का नाम बदलकर Nahargarh करने की अपील कर रहे हैं। सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) के माध्यम से भी यह प्रयास किया गया था। अब वक्त आ गया है कि हमारे पूर्वजों के बलिदान को सम्मान दिया जाए और इस क्षेत्र का नाम बदलकर नाहरगढ़ किया जाए।”
भाजपा के समर्थन के साथ मुद्दा गरमाया
विधायक की इस मांग का भाजपा (BJP) विधायकों ने जोरदार समर्थन किया और सदन में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। PWD मंत्री प्रवेश वर्मा भी मेज थपथपाते नजर आए। इससे यह साफ हो गया कि पार्टी के भीतर भी इस मुद्दे को लेकर सहमति बन रही है।
Najafgarh का ऐतिहासिक महत्व और नाम बदलने की वजह
Najafgarh का नाम मिर्जा नजफ खान (Mirza Najaf Khan) के नाम पर रखा गया था, जो बादशाह शाह आलम द्वितीय (Shah Alam II) की सेना के कमांडर थे।
भाजपा का कहना है कि इस इलाके का नाम बदलकर महान क्रांतिकारी राजा नाहर सिंह (Raja Nahar Singh) के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाई थी। राजा नाहर सिंह को अंग्रेजों ने धोखे से पकड़कर दिल्ली के चांदनी चौक (Chandni Chowk) में फांसी दे दी थी। भाजपा पहले भी कई बार इस मांग को उठा चुकी है, लेकिन अब यह मुद्दा दिल्ली विधानसभा में गूंज चुका है।
क्या सरकार बदलेगी Najafgarh का नाम?
फिलहाल, दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भाजपा विधायक के इस बयान के बाद यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो जल्द ही Najafgarh को Nahargarh के नाम से जाना जा सकता है।