The News Air- पंजाब में पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। जाखड़ के विवादित बयान पर उन्हें कांग्रेस हाईकमान ने नोटिस भेजा था। जाखड़ से 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया था। हालांकि अभी तक जाखड़ ने इसका जवाब नहीं दिया है। नोटिस की मियाद आज ख़त्म हो रही है। सूत्रों के मुताबिक़ जाखड़ नोटिस का जवाब देने के मूड़ में नहीं हैं। ऐसे में पार्टी उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई को लेकर फंस सकती है। जाखड़ पर अनुशासनिक कार्रवाई से कांग्रेस में पहले से चल रही कलह और तेज़ हो सकती है।
चौधरी की शिकायत पर जारी हुआ था नोटिस
पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने सुनील जाखड़ के ख़िलाफ़ सोनिया गांधी को शिकायत की थी। जिसमें उनकी बयानबाज़ी और ख़ासकर पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक शब्द कहने की बात कही थी। इसके अलावा चुनाव के दौरान उनके सांप्रदायिक बयानों की भी शिकायत की गई। जिसके बाद पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि उनके बयानों की जांच के बाद जाखड़ को नोटिस दिया गया है। हालांकि जाखड़ पहले भी सफ़ाई दे चुके हैं कि उन्होंने किसी की जाति को लेकर यह टिप्पणी नहीं की थी। उनके बयान को ग़लत ढंग से पेश किया गया।
CM न बनने से नाराज़ जाखड़ कर चुके एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा
सुनील जाखड़ को हटाकर कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाया। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया गया तो हाईकमान जाखड़ को सीएम बनाना चाहती थी। हालांकि अंबिका सोनी ने कहा कि पंजाब में सिख समाज से ही सीएम होना चाहिए। इसके बाद जाखड़ की जगह चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। चुनाव के वक़्त जाखड़ ने कहा कि उन्हें 42 विधायकों का समर्थन मिला था। उन्हें हिंदू होने की वजह से सीएम नहीं बनाया गया। फिर उन्होंने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया। उन्होंने चुनाव लड़ने तक से इन्कार कर दिया।