वित्त मंत्री द्वारा शिक्षा विभाग को अनएडेड स्टाफ फ्रंट की जायज मांगों को…

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Cheema

चंडीगढ़, 06 नवंबर (The News Air) पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को शिक्षा विभाग को अनएडेड स्टाफ फ्रंट (सहायता प्राप्त स्कूलों) की जायज मांगों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के निर्देश दिए। यह निर्देश उन्होंने अपने कार्यालय में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ कैबिनेट उप-समिति के चेयरमैन के रूप में की गई बैठकों के दौरान दिए।

इसके बाद, दफ्तरी कर्मचारियों की यूनियन के साथ बैठक में, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यूनियन के प्रतिनिधियों को बताया कि कैबिनेट उप-समिति ने अधिकारियों की समिति को 2018 और 2022 में शिक्षकों को नियमित करने की तरह स्कूल के दफ्तर कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा विचार करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उन्होंने शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिए कि इन कर्मचारियों द्वारा उठाए गए वेतन विसंगति के मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।

इसी दौरान, पुनः बहाल किए गए अध्यापकों की यूनियन ने उनकी बहाली की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग की। इसके जवाब में, कैबिनेट मंत्री चीमा ने शिक्षा विभाग को बर्खास्त शिक्षकों की सूची तैयार करके उनकी बर्खास्तगी के कारणों की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिन अध्यापकों को अनुचित कारणों से बर्खास्त किया गया है, उनके मामलों पर सहानुभूति से विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, 2364 ई.टी.टी चयनित अध्यापकों की यूनियन द्वारा पोस्टिंग के स्थान की चयन पाबंदी को हटाने की मांग पर यूनियन को बताया गया कि इसके संबंधी पोर्टल खोल दिया गया है।

जॉइंट एक्शन कमेटी फार वेट्स फार पे-पैरिटी ने नई भर्ती के लिए केंद्रीय वेतनमान लागू करने के फैसले के बाद मेडिकल और डेंटल अधिकारियों की तुलना में वेटरनरी अधिकारियों के कम बेसिक पे स्केल पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के बराबर आवास किराया भत्ता दिए जाने की भी मांग की। वित्त मंत्री चीमा ने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को इन मुद्दों का समाधान निकालने और वित्तीय जटिलताओं का आकलन करने के लिए प्रमुख सचिव, वित्त के साथ जल्द से जल्द बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को यह भी निर्देश दिया कि वे वेटरनरी ए.आई. वर्कर यूनियन के साथ बैठक करके उनकी जायज मांगों के समाधान के लिए प्रस्ताव पेश करें।

ग्राम पंचायत जल आपूर्ति पंप ऑपरेटर संघ द्वारा उठाए गए मुद्दों के जवाब में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने निदेशक, ग्रामीण विकास एवं पंचायतों को निर्देश दिए कि वे इन चिंताओं को दूर करने के लिए ब्लॉक स्तर पर समितियां बनाने पर विचार करें। उन्होंने विभाग को यह भी निर्देश दिए कि इन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु आवश्यक योग्यताओं में आवश्यक बदलाव के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण का लाभ मिले।

इन बैठकों में अनएडेड स्टाफ फ्रंट से प्रदेश प्रधान निर्भय सिंह, उप प्रधान सुखचैन सिंह, कैशियर भूपिंदर सिंह; दफ्तर कर्मचारी यूनियन से प्रदेश प्रधान कुलदीप सिंह, राजिंदर सिंह, जगमोहन सिंह, चमकौर सिंह; पुनः बहाल अस्थायी अध्यापक यूनियन से प्रधान विकास साहनी, उप प्रधान लखविंदर कौर, वरुण खेरा, गुरप्रीत सिंह, अमनदीप कौर; 2364 ई.टी.टी चयनित अध्यापक यूनियन से सदस्य भूपिंदर कौर; जॉइंट एक्शन कमेटी फार वेट्स फार पे-पैरिटी से संयोजक डॉ. गुरचरण सिंह, सह-संयोजक डॉ. पुनीत मल्होत्रा, डॉ. अब्दुल मजीद, डॉ. गुरदीप सिंह, डॉ. हरमंदीप सिंह, डॉ. साहिलदीप सिंह; वेटरनरी ए.आई. वर्कर यूनियन से प्रदेश अध्यक्ष सरबजीत सिंह, काला सिंह छाजला, रिशपाल सिंह; तथा ग्राम पंचायत जल आपूर्ति पंप ऑपरेटर संघ से प्रदेश महासचिव बोहड सिंह, मनजीत सिंह, मेहर सिंह, जगसीर सिंह उपस्थित थे।

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