Vainger Group Rebellion: वैगनर आर्मी की बगावत के दौरान रूस के नागरिकों ने बैंकों से 100 अरब रूबल (लगभग 1.1 अरब डॉलर) निकाल लिए थे. द मॉस्को टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है. रिपोर्ट में रूस के केंद्रीय बैंकों के हवाले से दावा किया गया है कि वैगनर के विद्रोह के दौरान (23-25 जून को) 100 अरब रूबल निकाले गए थे.
रूसी व्यापार समाचार आउटलेट आरबीसी ने बताया कि वैगनर विद्रोह के दौरान नकदी की मांग में अचानक वृद्धि हो गई थी. ऐसे में लोगों ने इस दौरान जमकर बैंकों से पैसे निकाले. रूस के केंद्रीय बैंक ने बताया कि जून के दौरान देश के बैंकों से 500 अरब रूबल (लगभग 5.5 अरब डॉलर) निकाले गए. हालांकि इस राशि का पांचवा हिस्सा विद्रोह के दौरान निकाला गया.
निचले स्तर पर पहुंचा रूबल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसी वजह से पिछले सप्ताह रूबल 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. इसे अर्थशास्त्रियों ने विद्रोह से जोड़कर देखा. गौरतलब है कि पिछले साल (फरवरी 2022) यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से ही रूबल लगातार लुढ़का है. अर्थशास्त्री एवगेनी कोगन ने कहा कि वैगनर के विद्रोह के कारण रूबल में अभी और गिरावट दर्ज की जाएगी.
प्रिगोझिन ने इसलिए किया था विद्रोह
बता दें कि वैगनर आर्मी प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने दावा किया कि रूस की सेना ने 23 जून को एक मिसाइल हमले में उनके लगभग 30 सैनिकों को मार डाला था, जिसके बाद उन्होंने अपने लड़ाकों के साथ मॉस्को की ओर कूच करने का ऐलान कर दिया था. हालांकि बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने जैसे तैसे दोनों पक्षों के बीच शांति समझौता कराया और विद्रोह जल्द ही समाप्त हो गया.
वैगनर समूह के विद्रोह के बाद रूसी व्लादिमीर पुतिन की ताकतवर छवि पर असर पड़ा है. एक्सपर्ट का कहना है कि पुतिन के बेहद करीबी सहयोगी रहे वैगनर आर्मी की बगावत के बाद अब उनकी क्षमताओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.