कटरा (Katra), जम्मू-कश्मीर, 24 जनवरी (The News Air): जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) का एक भक्ति गीत गाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में, उन्होंने भक्ति गीत ‘तूने मुझे बुलाया शेरावालिये, मैं आया, मैं आया शेरावालिये’ गाकर श्रद्धालुओं को हैरान कर दिया।
वीडियो वायरल होते ही फारूक अब्दुल्ला का यह नया भक्ति अवतार चर्चा का विषय बन गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने न केवल भजन गाया बल्कि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Vaishno Devi Shrine Board) द्वारा विवादित रोपवे परियोजना (Ropeway Project) पर भी कड़ा रुख अपनाया।
भजन कार्यक्रम में शामिल हुए Farooq Abdullah
फारूक अब्दुल्ला को कटरा के एक धार्मिक कार्यक्रम में पारंपरिक लाल दुपट्टा पहने देखा गया। कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों और गायक मंडली के साथ मिलकर माता के भजन गाए। श्रद्धालुओं ने उनके इस रूप की सराहना की और वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा किया।
अब्दुल्ला ने मंच से माता वैष्णो देवी मंदिर के प्रबंधन को सलाह दी कि कोई भी ऐसा निर्णय न लें जिससे स्थानीय लोगों (Local Residents) को परेशानियां झेलनी पड़ें।
रोपवे प्रोजेक्ट विवाद पर बड़ा बयान
कटरा में विवादित रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project) पर बोलते हुए, फारूक अब्दुल्ला ने श्राइन बोर्ड पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट स्थानीय समुदाय के हितों को अनदेखा करके शुरू किया गया है।
उन्होंने स्थानीय निवासियों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा:
“मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे स्थानीय निवासियों के हितों को नुकसान पहुंचे।”
अब्दुल्ला ने कहा कि कटरा के लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए साहस के साथ खड़े हुए और विरोध किया।
“सरकार को यह समझना होगा कि असली ताकत जनता के पास है, न कि अधिकारियों के पास।”
शासन के प्रति चेतावनी
पूर्व सीएम ने जोर देकर कहा कि लोगों के पास सरकार बनाने और बदलने की शक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि अब अधिकारी स्थानीय लोगों से रोपवे के निर्माण को लेकर चर्चा कर रहे हैं। यह दिखाता है कि जनता की आवाज सरकार के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।
Farooq Abdullah का भक्ति अवतार क्यों है चर्चा में?
फारूक अब्दुल्ला का यह नया भक्ति पक्ष जनता को आश्चर्यचकित कर रहा है। आमतौर पर राजनीति में सक्रिय रहने वाले अब्दुल्ला ने अपने इस कार्य से यह संदेश दिया कि भक्ति और राजनीति को एक साथ जोड़कर भी जनता की भलाई के लिए काम किया जा सकता है।