Pakistani Court On Election Commission: पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (Election Commission) को चुनाव नहीं कराने को लेकर कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने निर्वाचन आयोग को पंजाब प्रांत (Punjab Province) के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) की तारीखें तत्काल घोषित करने के आदेश दिए.
अदालत का यह आदेश पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पीएमएल(एन) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि अदालत का यह आदेश पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की जीत है.
क्या बोली अदालत?
न्यायमूर्ति जवाद हसन की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने शुक्रवार देर रात सुनाए फैसले में कहा कि निर्वाचन आयोग विधानसभा भंग होने के 90 दिन के अंदर चुनाव कराने के लिए बाध्य है. अदालत ने आयोग से कहा कि वह चुनाव कार्यक्रम जारी करे. उच्च न्यायालय ने पीटीआई की याचिका पर यह फैसला सुनाया. बीते दिन शुक्रवार (10 फरवरी) को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
‘पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में गिर गई थी सरकार’
पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की सरकारों ने 20 दिन से अधिक समय पहले विधानसभाएं भंग कर दी थीं. इसका मकसद संघीय सरकार पर नए सिरे से चुनाव कराने के लिए दबाव बनाना था. पीएमएल (एन) और उसके सहयोगी दलों ने नेशनल असेंबली भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की मांग मानने के बजाय कहा था कि अगस्त में संघीय सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही दोनों प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव भी होने चाहिए.
इसके बाद, दोनों प्रांतों के राज्यपालों ने पंजाब (Punjab) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में चुनाव कराने की तारीख तय करने से इनकार कर दिया था. संविधान के अनुसार विधानसभा भंग होने के 90 दिन के अंदर चुनाव हो जाना चाहिए.