Sidhu Moosewala Murder Documentary : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की हत्या पर बनी बीबीसी (BBC) की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद और बढ़ गया है। मानसा कोर्ट (Mansa Court) ने मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह (Balkaur Singh) की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने इस डॉक्यूमेंट्री की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की थी। बुधवार को कोर्ट ने इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया, हालांकि इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की गई है।
इसी बीच बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ने बुधवार को इस डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज कर दिया। खास बात यह रही कि इस डॉक्यूमेंट्री को सिद्धू मूसेवाला के जन्मदिन (11 जून 1993) के दिन ही लॉन्च किया गया। पहले इसे मुंबई (Mumbai) के जुहू (Juhu) में स्क्रीनिंग के लिए रखा गया था, लेकिन विवाद के बाद इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डाल दिया गया। बलकौर सिंह ने इसके प्रीमियर पर आपत्ति जताई थी और महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग की थी।
डॉक्यूमेंट्री में क्या है खास?
इस डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू मूसेवाला की हत्या से जुड़ी घटनाओं, साजिशों और मुख्य आरोपियों पर फोकस किया गया है। बीबीसी ने इस केस के मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) का इंटरव्यू भी दिखाया है। रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और गोल्डी बराड़ इस हत्या के मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं। हालांकि गोल्डी बराड़ अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है और संभवतः कनाडा (Canada) में छुपा हुआ है।
गोल्डी बराड़ ने डॉक्यूमेंट्री में दावा किया कि मूसेवाला ने कई ऐसी गलतियां की थीं जो माफ नहीं की जा सकती थीं। उसने कहा कि “या तो हम मरते या वो, यही सच्चाई थी।” बराड़ ने यह भी बताया कि मूसेवाला और लॉरेंस बिश्नोई के बीच पुरानी दुश्मनी एक कबड्डी मैच (Kabaddi Match) को लेकर शुरू हुई थी, जिसे बिश्नोई के विरोधी बंबीहा गैंग (Bambiha Gang) ने आयोजित किया था।
मिद्दुखेड़ा हत्याकांड से बिगड़ा मामला
बराड़ ने यह भी आरोप लगाया कि सिद्धू मूसेवाला ने विक्की मिद्दुखेड़ा (Vicky Middukhera) की हत्या में भूमिका निभाई थी। मिद्दुखेड़ा लॉरेंस के करीबी थे और अगस्त 2021 में मोहाली (Mohali) में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी बंबीहा गैंग ने ली थी। बराड़ के अनुसार, मूसेवाला के पास राजनीतिक ताकत और पैसे का जोर था, और वह अपने प्रभाव से गैंग वॉर में हस्तक्षेप कर रहा था। इसी कारण उन्होंने उसे सबक सिखाने का निर्णय लिया।
गैंग ऑपरेशन और जबरन वसूली का खुलासा
गोल्डी बराड़ ने यह भी स्वीकार किया कि वह एक जबरन वसूली (extortion) गैंग चलाता है और यह कहकर खुद को सही ठहराया कि “हमें सैकड़ों लोगों की देखभाल करनी होती है।” उसने यह भी कहा कि उन्हें लोगों से पैसे वसूलने के लिए डराना पड़ता है।
पिता की आपत्ति और कानूनी पहलू
बलकौर सिंह ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें उनके बेटे की हत्या से जुड़े केस में नामजद आरोपियों के इंटरव्यू हैं, जो केस की निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के डीजीपी और जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि डॉक्यूमेंट्री उनकी अनुमति के बिना बनाई गई है और यह उनके बेटे की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।