भारत में अब तेजी से लोगों को नए रोजगार मिल रहे हैं. हाल में ईपीएफओ द्वारा जारी किए आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है. ईपीएफओ ने जनवरी 2024 में शुद्ध रूप से 16.02 लाख सदस्य जोड़े. रविवार को जारी पेरोल के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में रविवार को कहा कि जनवरी 2024 में पहली बार लगभग 8.08 लाख सदस्यों का नामांकन किया गया. मंत्रालय ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अनंतिम पेरोल आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ ने जनवरी 2024 में शुद्ध आधार पर 16.02 लाख सदस्यों को जोड़ा है.
क्या कहती है रिपोर्ट : आंकड़ों के मुताबिक इनमें 18-25 आयु वर्ग के अधिकांश सदस्य हैं. इनकी संख्या जनवरी 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 56.41 प्रतिशत है. इससे पता चलता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं. ये मुख्य रूप से पहली बार नौकरी कर रहे हैं. पेरोल आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 12.17 लाख सदस्य जो ईपीएफओ की योजनाओं से बाहर निकल गए थे, वे फिर से शामिल हो गए.
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए. इन्होंने अपने कोष को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना. आंकड़ों के मुताबिक 8.08 लाख नए सदस्यों में लगभग 2.05 लाख महिला सदस्य हैं. इसके अलावा समीक्षाधीन महीने में जोड़े गए शुद्ध महिला सदस्यों की संख्या लगभग 3.03 लाख रही.
इन नियमों का रखें ध्यान : अगर आप भी अपनी सैलरी का एक हिस्सा पीएफ खाते (EPF Account) में जमा कराते हैं, तो आपको एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के कई नियमों का पालन करना होता है. अब ईपीएफओ ने कुछ ईपीएफ खाताधारकों को एक बड़े नियम से राहत प्रदान की है. ईपीएफओ ने कुछ ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स को जॉइंट डिक्लियरेशन फॉर्म (संयुक्त घोषणा पत्र) भरने से छूट प्रदान कर दी है. आम तौर पर अगर किसी एम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए से अधिक होती है, तो उसे ईपीएफ खातें में अपना अंश जमा कराने के लिए एम्प्लॉयर के हस्ताक्षर वाला एक संयुक्त घोषणा पत्र ईपीएफओ के पास जमा करना होता है. अब ईपीएफओ ने कुछ ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स को यही संयुक्त घोषणा पत्र भरने से छूट दे दी है. इसलिए आगे से इसका ध्यान रखें.