नई दिल्ली, 25 फ़रवरी (The News Air) दिल्ली विधानसभा के सदन में मंगलवार को दिल्ली शराब नीति पर पेश की गई कैग रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के उस दावे पर अपनी मोहर लगा दी है कि पुरानी शराब नीति में भारी गड़बड़ी थी, डीलर कालाबाजारी करते थे और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा था। सीएजी रिपोर्ट से पता चलता है कि पुरानी शराब नीति से सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था और इसमें बदलाव की बहुत जरूरत थी। साथ ही, कैग रिपोर्ट ने इस पर भी मोहर लगाती है कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा पुरानी एक्साइज पॉलिसी को बदलने का फैसला सही था। कैग रिपोर्ट बताती है कि पुरानी नीति में जितनी शराब की बोलते बेची जाती थी, उसकी 28 फीसद कम रिपोर्टिंग करके मुनाफा कमाया जा रहा था।
‘‘आप’’ मुख्यालय में मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ और वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह के साथ दिल्ली की पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने प्रेसवार्ता यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लाई गई नई शराब नीति अधिक पारदर्शी थी। इससे कालाबाजारी रूकती और सरकार का राजस्व बढ़ता, लेकिन भाजपा के एलजी, ईडी, सीबीआई ने अड़चनें डालकर इसे लागू नहीं होने दी और इसकी वजह से दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। अगर इन्होंने नई नीति लागू करने दी होती तो मात्र एक साल में दिल्ली का एक्साइज रेवेन्यू 4,108 करोड़ से बढ़कर 8,911 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता। 2022 में यही पॉलिसी ‘‘आप’’ की सरकार ने पंजाब में लागू की है और आज वहां एक्साइज रेवेन्यू 65 फीसद तक बढ़ गया है। इसलिए आम आदमी पार्टी की मांग है कि कैग रिपोर्ट के आधार पर एलजी, सीबीआई और ईडी के खिलाफ जांच की जाए, ताकि यह पता चले कि सरकार को 2 हजार करोड़ का घाटा क्यों करवाया गया?
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर 2017 से लेकर 2021 तक की सीएजी ऑडिट रिपोर्ट आज दिल्ली विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में आठ चैप्टर हैं, जिसमें से पहले 7 चैप्टर 2017 से 2021 के दौरान दिल्ली की पुरानी एक्साइज पॉलिसी की ऑडिट रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में उस पॉलिसी की खामियां हैं। उस पॉलिसी में जहां-जहां भ्रष्टाचार हो रहा था, उसे उजागर किया गया है। वहीं इस रिपोर्ट में एक चैप्टर दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई नई एक्साइज पॉलिसी पर है।
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने लगातार बार-बार पुरानी एक्साइज पॉलिसी में हो रहे भ्रष्टाचार को दिल्ली वालों के सामने रखा। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने बार-बार यह उजागर किया कि किस तरह पुरानी एक्साइज पॉलिसी में कालाबाजारी हो रही है और उसके शराब के दाम बढ़ाए जाते थे। किस तरह शराब निर्माता गलत दाम बताकर ज्यादा मुनाफा कमाते थे। आम आदमी पार्टी की सरकार ने बार-बार यह बताया कि पुरानी एक्साइज पॉलिसी से हो रहे भ्रष्टाचार और ब्रांड पुशिंग की वजह से लगातार हरियाणा और उत्तर प्रदेश से तस्करी करके शराब दिल्ली में आती रही है।
आतिशी ने आगे कहा कि आज आम आदमी पार्टी की बात पर कैग की रिपोर्ट ने भी मोहर लगा दी है कि 2017 से 2021 तक चली पुरानी एक्साइज पॉलिसी में हर प्रकार का भ्रष्टाचार हुआ। कैग की रिपोर्ट बताती है कि दो तरह से भ्रष्टाचार हो रहा था। पहला, जितनी शराब बेची जा रही थी, उसमें भ्रष्टाचार हो रहा था। क्योंकि सरकार के पास जो पैसा आता था, वह हर बोतल के हिसाब से आता था। यह सब जानते हैं कि शराब बेचने वाले लोग किस पार्टी से जुड़े हुए थे। सब जानते हैं कि वह किस पार्टी के लोग थे, जिन्हें शराब बेचने और शराब बनाने के ठेके मिले हुए थे। जब हर बोतल पर एक्सेस कैलकुलेट होता था, तब वह यह दिखाने में फर्जीवाड़ा करते थे कि कितनी बोतले बेची गई।
आतिशी ने कहा कि कैग रिपोर्ट की चैप्टर 5 के पेज नंबर 44 पर बताया गया है कि यह शराब के ठेकेदार 28 फीसद से ज्यादा भ्रष्टाचार कर रहे थे। जितनी शराब बेची जा रही थी, उसे 28 फीसद कम की रिपोर्टिंग हो रही थी। यह सारा पैसा इन दलालों की जेब में जा रहा था। यह रिपोर्ट साफ-साफ बताती है कि शराब की ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी। सब जानते हैं कि किस पार्टी के लोगों के पास इन शराब के ठेके थे। इस रिपोर्ट की पेज नंबर 59 में बार-बार यह बताया गया है कि जिनके पास शराब के ठेके थे, वहां से स्मगलिंग और ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी, जिससे दिल्ली सरकार का राजस्व घाटा हो रहा था। न सिर्फ इतना बल्कि बार-बार जो यह मुद्दा उठाया जा रहा था कि 5 फीसद का लाभ हो रहा था। सातवीं में पढ़ने वाले बच्चों को भी पता है कि लाभ का प्रतिशत कैसे निकाला जाता है। सेलिंग प्राइस में से कॉस्ट प्राइस घटाकर लाभ निकाला जाता है। लेकिन इन शराब के ठेकेदारों ने कॉस्ट प्राइस को गलत तरीके से कैलकुलेट किया और 5 फीसद के नाम पर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया।
आतिशी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के चैप्टर 6 के पेज नंबर 58 से पता चलता है कि किस तरह शराब के ठेकेदारों ने देश भर से ज्यादा कॉस्ट प्राइस और गलत दाम दिखा-दिखाकर गलत तरीके से मुनाफा कमाया। कैग रिपोर्ट इस बात को दोहरा रही है कि जिसे आम आदमी पार्टी की सरकार ने बार-बार कहा कि पुरानी एक्साइज पॉलिसी से दिल्ली सरकार के खजाने को घाटा हो रहा है। न सिर्फ इतना, बल्कि इस पॉलिसी की वजह से ही दिल्ली में लगातार उत्तर प्रदेश और हरियाणा से स्मगलिंग होकर शराब आ रही थी। सब जानते हैं कि इन राज्यों में किसकी सरकार है और इससे किसको फायदा हो रहा है।
आतिशी ने कहा कि आज कैग की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरानी एक्साइज पॉलिसी को हटाकर सही फैसला लिया। कैग की रिपोर्ट यह भी बताती है की नई एक्साइज पॉलिसी की वजह से पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ीं। उसमें ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के तरीके थे। साथ ही उसमें दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाने की भी तरीके थे। आज कैग की रिपोर्ट अपने आठवें चैप्टर में बता रही है कि आदमी पार्टी की सरकार 2021 में जो नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई, उसकी वजह से दिल्ली सरकार का खजाना बढ़ता। नई पॉलिसी में पारदर्शिता थी। उसमें स्मगलिंग और ब्लैक मार्केटिंग रोकने के तरीके थे।
आतिशी ने बताया कि ठीक यही पॉलिसी 2022 में पंजाब में भी लागू हुई। 2021-22 में पंजाब का एक्साइज रेवेन्यू 6,158 करोड़ रुपए था, जो नई एक्साइज पॉलिसी के आने से मात्र एक साल में बढ़कर 8,841 करोड़ रुपए पर पहुंच गया और 2024-25 में जब यह वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है तो अनुमानित रेवेन्यू 10,146 करोड़ रुपए है। यानी यह नई एक्साइज पॉलिसी जो ब्लैक मार्केटिंग और स्मगलिंग रोकती है, उससे 2021 से 2025 में पंजाब में 65 प्रतिशत का एक्साइज रेवेन्यू बढ़ा है। कैग रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर यह पॉलिसी दिल्ली में ठीक तरीके से लागू होती, तो दिल्ली का एक्साइज रेवेन्यू मात्र एक साल में 4,108 करोड़ रुपए से बढ़कर 8,911 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता। अब दिल्लीवासियों और पूरे देश के सामने यह सवाल है कि जब एक खराब पॉलिसी हटाकर एक अच्छी और पारदर्शी पॉलिसी लाई गई, लेकिन उसे सही से लागू न करने देने की वजह से सरकार का खजाना 8,911 करोड़ रुपए तक नहीं पहुंच पाया और दो हजार करोड़ रुपए कम रह गए।
आतिशी ने कहा कि यह दो हजार करोड़ रुपए कम रहने के पीछे किसका हाथ है? इस पॉलिसी को लागू होने से किसने रोका? किसने सरकार के खजाने में 2 हजार करोड़ रुपए बढ़ने से रोका? इस कैग की रिपोर्ट के आधार पर उसकी जांच होना जरूरी है। मैं उम्मीद करती हूं कि उस पर जांच होगी क्योंकि इस पॉलिसी को रोकने के पीछे तीन लोग जिम्मेदार हैं। इसमें सबसे पहले कसूरवार भाजपा के एलजी हैं, जिन्होंने नई एक्साइज पॉलिसी लागू नहीं होने दी। उन्होंने बीच में रोड़े अटकाए और पॉलिसी को जमीनी स्तर पर नहीं उतरने दिया। इसमें दूसरी कसूरवार सीबीआई है, जिसने इस पॉलिसी के एक साल पूरा होने से पहले ही इस पॉलिसी के आधार पर एफआईआर की। जबकि इसमें तीसरा कसूरवार ईडी है, जिसने इस पॉलिसी के खत्म होने से एक साल पहले ही इस पॉलिसी पर ईसीआईआर की। एलजी साहब की रोक-टोक, सीबीआई की एफआईआर और ईडी की ईसीआईआर के बाद किसी भी अफसर की हिम्मत नहीं थी कि वह इस पॉलिसी पर फिर से साइन कर दे। वह पॉलिसी जो 8,911 करोड़ रुपए प्रति वर्ष ला सकती थी, आज कैग की रिपोर्ट बता रही है कि उस पॉलिसी को सही से लागू नहीं किया गया।
आतिशी ने कहा कि आज हमारी यह मांग है कि इस कैग की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के एलजी, सीबीआई और ईडी पर जांच हो, ताकि यह पता चले कि आखिरकार क्यों इस पॉलिसी को रोका गया? दिल्ली सरकार को क्यों दो हजार करोड़ रुपए का घाटा करवाया गया? इसकी जांच होनी चाहिए और इस पर एफआईआर होनी चाहिए।