भीलवाड़ा (राजस्थान), भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र में स्थित आरणी गांव में मातम पसरा हुआ है। पशुओं की रक्षा करने के लिए कुएं में उतरे तीन युवकों की मौत हो चुकी है। उनमें से दो सगे भाई हैं। दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया है । लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उनमें से एक भाई जिसकी 17 दिन बाद शादी होनी थी। अब दुल्हन के घर में भी रोने चीखने की आवाजें आ रही है । यह घटना पूरे जिले को दहला गई है।
दो भाइयों का एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार
दरअसल आरणी गांव में रहने वाले चार युवकों ने बिना मुंडेर के कुएं में गिरे दो सांडों की जान बचाने के लिए अपनी जान दाव पर लगा दी । चार में से तीन की मौत हो चुकी है। पुलिस ने बताया दो भाइयों का कल शाम ही अंतिम संस्कार किया गया है। जिस किसी ने यह दर्दनाक दृश्य देखा उसका तो कलेजा ही कांप गया। माता-पिता छाती पकड़कर बस रोए जा रहे हैं।
सांडों को बचाने के चक्कर में मारे गए दोनों भाई
पुलिस ने बताया गांव में कुएं में दो सांड लड़ते हुए गिर गए थे। उस कुएं में करीब 12 फीट तक पानी था । उसके बाद नीचे दलदल थी । सांडों को बचाने के लिए गांव के ही कुछ युवक रस्से बांधकर कुएं में उतरे। उनमें धनराज और शंकर दो भाई भी थे। उनकी मदद के लिए कमलेश और एक अन्य युवक भी कुएं में उतर गया। लेकिन कुएं में बनी गैसों के कारण धनराज , शंकर और कमलेश की मौत हो गई। पुलिस ने बताया धनराज , शंकर और कमलेश की जान चली गई। धनराज और शंकर भाई थे ।
17 दिन बाद शादी थी, लेकिन निकल गई अर्थी
धनराज की सगाई हो चुकी थी और 17 दिन बाद उसकी शादी थी । उसके पिता और पिता के साथ एक भाई दुल्हन के घर में शादी का जोड़ा और अन्य कपड़े देने के लिए गए थे । लेकिन उधर पिता ने दुल्हन को शादी का जोड़ा दिया और इधर दूल्हे की जान चली गई । इस घटना के बाद से अब पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है । गांव में 2 दिन से चूल्हे नहीं जले हैं । धनराज और शंकरलाल पांच भाई बहन हैं । धनराज सबसे छोटा था और उसकी शादी ही बाकी थी । जिन सांड को बचाने के लिए दोनों कुएं में उतरे उन सांडों ने भी दम तोड़ दिया।