मुंबई, 14 अक्टूबर (The News Air): एनसीपी नेता और पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या की घटना से हड़कंप मचा हुआ है। अब इस मामले में एक बहुत बड़ी जानकारी सामने आई है। इस घटना के वक्त इलाके में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने हिम्मत दिखाई और अपनी जान की बाजी लगाकर आरोपियों से बंदूकें छीन ली और दबोचा लिया। इसी बंदूक से दोनों ने बाबा सिद्दीकी पर गोलियां चलाईं थी। मुंबई पुलिस को इससे आगे की जांच को एक दिशा मिलेगी। इस जांबाजी को करने वाले बहादुर पुलिस अधिकारी का नाम एपीआई राजेंद्र दाभाड़े है। इन्होंने बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को पकड़ा था।
जांबाज एपीआई ने क्या किया?
मुंबई पुलिस के जांबाज एपीआई राजेंद्र दाभाड़े ने अपनी जान की परवाह किए बिना बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले दोनों शूटरों को दौड़ाकर पकड़ लिया। दो आरोपियों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि तीसरा आरोपी धुएं और भीड़ का फायदा उठाकर भाग गया। हालांकि उसको भी पकड़ लिया गया है। जिस समय बाबा सिद्दीकी को गोली मारी गई। उस समय देवी विसर्जन की व्यवस्था करने के लिए राजेंद्र दाभाड़े को उस क्षेत्र में तैनात किया गया था। बाबा सिद्दीकी को गोली लगते हुए देखने के बाद एक पल की भी देरी किए बिना हाथ में बंदूक होने पर भी इन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। इनके काम की अधिकारियों ने तारीफ की है। इससे मुंबई पुलिस का शानदार प्रदर्शन सामने आया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने 15 टीमों का गठन
मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच ने 15 टीमों का गठन किया है। दोनों संदिग्ध आरोपियों के पास से पुलिस ने 28 जिंदा कारतूस, दो मोबाइल फोन जब्त किया है। इनमें से एक मोबाइल सिर्फ कॉलिंग के लिए था। जांच से पता चला कि दूसरा नियमित उपयोग के लिए था। इस बीच गिरफ्तार आरोपियों में से एक मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और दूसरा आरोपी मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला है, इसलिए पुलिस जांच में हत्या के पीछे इन दोनों राज्यों के बीच सटीक संबंध का पता चलेगा।
यूपी के गंडारा गांव के हैं दो आरोपी
यह दुर्भाग्यपूर्ण हत्या विजयदशमी के दिन हुई जब बांद्रा पश्चिम में विसर्जन जुलूस चल रहा था। सिद्दीकी की शनिवार रात हत्या कर दी गई। फिर रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के केसरगंज गंडारा गांव में भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस, मीडिया प्रतिनिधि पहुंचे। सिद्दीकी की हत्या के मामले में गंडारा गांव के दो युवकों का नाम आने के बाद से काफी हलचल मची हुई है। धर्मराज कश्यप और शिव गौतम गंडारा के रहने वाले हैं और पैसे कमाने के लिए पुणे गए थे। अब उनके परिवार को परेशानी हो रही है। उन्हें नहीं पता कि असल में क्या हुआ? सुबह जब पुलिस ने पूछताछ की तो परिवार को हत्या की जानकारी हुई।