करनाल, 11 सितंबर (The News Air)
हरियाणा के करनाल शहर में किसानों और प्रशासन के बीच पिछले चार दिन से चल रही टकराव ख़त्म हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बीती देर रात समझौता हो गया है। जिसकी जानकारी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और करनाल डीसी निशांत यादव ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। वहीं अब जल्द ही किसानों का धरना ख़त्म होगा।
ऐसे ख़त्म हुआ किसान-अफ़सरों का टकराव
दरअसल, शुक्रवार देर रात करनाल में किसानों और अफ़सरों के बीच टकराव ख़त्म होने के संकेत देखने के मिले। बताया जा रहा है कि सरकार के आदेश के बाद किसानों से बातचीत करने के लिए कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे हुए थे। जहां करनाल ज़िला प्रशासन और किसानों के बीच दो मांगों पर समझौता हुआ है। एक लाठीचार्ज की जांच होगी और वहीं दूसरी मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी। इसके अलावा एसडीएम आयुष सिन्हा को छुट्टी पर भेज दिया गया और मामले की न्यायिक जांच शुरू होगी। इस तरह धरना-प्रदर्शन ख़त्म करने पर सहमति बनी।
पंडाल में कम दिखे पुलिसकर्मी और किसान
देर रात समझौता होने के बाद से ही धरनास्थल पर किसान और पुलिसकर्मियों की संख्या कम दिख रही है। साथ ही प्रशासन ने ज़िला सचिवालय का मेन भी गेट खोल दिया है, जो कि पिछले चार दिन से बंद था। धरने वाली जगह पर आम लोगों का आना-जाना शुरु हो गया है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 28 अगस्त को हरियाणा के हज़ारों किसान करनाल के बसताड़ा टोल पर धरना दे रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। जमकर लाठियां बरसाई गईं, कईयों को लहूलुहान तक कर दिया था। लाठीचार्ज करने का यह आदेश एसडीएम आयुष सिन्हा ने दिया था। अफ़सर ने कहा था कि कोई भी किसान बैरिकेडिंग पार न कर पाए। अगर इसके बाद भी कोई बैरिकेडिंग के आगे आ जाए तो लाठी से उसका सिर फोड़ दो। सीधे लट्ठ मारना, कोई डाउट मत रखना, मारोगे ना..यह मेरा आदेश है।
इसलिए धरना दे रहे थे किसान
हरियाणा के हज़ारों किसानों ने 7 सितंबर से करनाल के सचिवालय पर धरना शुरू किया था। जहां किसानों की मांग थी कि सरकार और प्रशासन जब तक लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले अधिकारी एसडीएम आयुष सिन्हा के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई नहीं करता वह धरना देते रहेंगे। साथ ही इस घटना में मारे गए किसान के बेटे को सरकारी नौकरी और परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाए।