Tejashwi Yadav Missing Poster बिहार की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वार ने सियासी पारे को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक विवादित पोस्टर साझा किया है, जिसमें उन्हें ‘लापता’ बताया गया है। चुनाव परिणामों के बाद महागठबंधन की हार और तेजस्वी यादव की सार्वजनिक सक्रियता कम होने को लेकर बीजेपी ने यह तीखा तंज कसा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही तेजस्वी यादव मीडिया और सार्वजनिक मंचों से काफी हद तक दूरी बनाए हुए हैं। विधानसभा सत्र के दौरान भी उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए, जहां वे केवल स्पीकर को उनके पद पर बैठाने के समय ही नजर आए थे। इस खामोशी के बीच खबर आई है कि तेजस्वी यादव अपनी पत्नी और बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने यूरोप गए हुए हैं। इसी मौके को भुनाते हुए बीजेपी ने पोस्टर जारी कर उनकी योग्यता और उपस्थिति पर हमला बोल दिया है।
‘पहचान: नौवीं फेल’, बीजेपी का सीधा हमला
बीजेपी द्वारा जारी किए गए पोस्टर में तेजस्वी यादव की तस्वीर के साथ बड़े अक्षरों में ‘लापता’ लिखा गया है। पोस्टर में तंज कसते हुए लिखा गया है, “नाम: तेजस्वी यादव, पहचान: नौवीं फेल।” इतना ही नहीं, पोस्टर में यह भी दर्ज है कि उन्हें आखिरी बार कब देखा गया? इसका जवाब बीजेपी ने दिया— “मीडिया से मुंह छुपाकर भागते हुए।” बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि जो लोग मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तारीखें बता रहे थे, उन्हें अब जमीनी सच्चाई का अहसास हो गया है और आरजेडी की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है।
आरजेडी का पलटवार: ‘बीजेपी को हुआ तेजस्वी फोबिया’
इस पोस्टर वार पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘तेजस्वी फोबिया’ से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को बिहार की जनता या विकास की चिंता नहीं है, वे बस दिन-रात तेजस्वी यादव का नाम जपते रहते हैं। तिवारी ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव सरकार के हर क्रियाकलाप पर पैनी नजर रखे हुए हैं और बीजेपी को उनकी चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी और काम पर ध्यान देना चाहिए।
राहुल गांधी और तेजस्वी पर एक साथ निशाना
बीजेपी केवल तेजस्वी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। बीजेपी प्रवक्ताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेता राजनीति के लिए नहीं बने हैं। उनके पिताओं ने उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश जरूर की, लेकिन उनमें राजनीति संभालने की क्षमता नहीं है। बीजेपी का दावा है कि ये नेता केवल बड़ी-बड़ी बातें करना जानते हैं, लेकिन मुश्किल समय में जनता का साथ छोड़कर गायब हो जाते हैं।
आम जनता पर असर
नेताओं के बीच चल रही इस जुबानी जंग और पोस्टर वार का सीधा असर आम जनता की धारणा पर पड़ता है। विपक्ष के मुख्य चेहरे की अनुपस्थिति और सत्ता पक्ष के उन पर लगातार हमलों से राज्य की राजनीतिक स्थिरता और भविष्य की रणनीतियों को लेकर मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
क्या है पृष्ठभूमि
बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए की सत्ता में वापसी हुई है और महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव से पहले तेजस्वी यादव काफी आक्रामक थे, लेकिन नतीजों के बाद उनकी सक्रियता अचानक घट गई। विधानसभा सत्र में उनकी कम मौजूदगी और विदेश दौरे की खबरों ने विरोधियों को हमला करने का पूरा मौका दे दिया है, जिससे बिहार की राजनीति अब व्यक्तिगत हमलों की ओर मुड़ गई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बीजेपी का पोस्टर वार: बीजेपी ने तेजस्वी यादव को ‘लापता’ बताते हुए एक पोस्टर जारी किया और उन्हें ‘नौवीं फेल’ कहा।
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यूरोप दौरा: तेजस्वी यादव के परिवार के साथ यूरोप दौरे पर होने की खबरों के बीच यह सियासी हमला हुआ है।
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आरजेडी की सफाई: आरजेडी प्रवक्ता ने बीजेपी के आरोपों को ‘फोबिया’ बताया और कहा कि तेजस्वी सरकार पर नजर रखे हुए हैं।
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सदन में अनुपस्थिति: विधानसभा सत्र के दौरान तेजस्वी यादव की कम मौजूदगी पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।






