Adani Wilmar : हिमाचल प्रदेश के परवाणू में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर पर स्टेट एक्साइज एंड टेक्सेशन डिपार्टमेंट ने छापा मारा है। कल यानी 8 फरवरी को देर रात यह कार्रवाई की गई। यह छापा कथित तौर पर इसलिए मारा गया क्योंकि कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि उसने पिछले 5 वर्षों से जीएसटी का भुगतान नहीं किया है। हालांकि, अडानी विल्मर का कहना है कि टैक्स अधिकारियों को कंपनी के संचालन में कोई अनियमितता नहीं मिली है। टैक्स डिपार्टमेंट ने इस कार्रवाई के तहत कंपनी के स्टेट ऑपरेशंस से जुड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम की जानकारी मांगी है। अडानी ग्रुप की हिमाचल प्रदेश में कुल सात कार्यरत कंपनियां हैं जिनमें फलों के लिए कोल्ड स्टोर से लेकर किराना सामान की सप्लाई शामिल है।
नहीं मिली कोई गड़बड़ी : अडानी विल्मर
अडानी विल्मर ने एक बयान जारी कर कहा है कि टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कंपनी के ऑपरेशन और लेनदेन में कोई अनियमितता नहीं मिली है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जीएसटी कानून के नियम 86बी के तहत कंपनी को नकद में टैक्स लायबिलिटी का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।’कंपनी ने कहा, “हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यह संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया एक नियमित निरीक्षण था और यह कोई छापा नहीं है जैसा कि मीडिया में कहा जा रहा है।
कंपनी को दिसंबर तिमाही में 16 फीसदी मुनाफा
कंपनी ने 8 फरवरी को अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया, जिसके तहत कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 16 फीसदी बढ़कर 246.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अडानी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड के तहत अपने खाना पकाने के तेल और अन्य फूड प्रोडक्ट्स को बेचती है। यह एक ज्वाइंट वेंचर है, जिसमें गौतम अडानी के अलावा सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड की भी हिस्सेदारी है।