जालंधर (The News Air) कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उम्र भी आड़े नहीं आती। ऐसी ही है जालंधर में 75 साल की उम्र में खेती करने वाली प्रिंसिपल नवरूप कौर। इस उम्र में भी वह खुद ही ट्रैक्टर चलाकर खेती करती हैं। खेतों जो भी फसल निकलती है उसे मंडी में पहुंचा कर सारा हिसाब किताब भी खुद ही करती हैं। इतना ही नहीं वह गांव की सरपंच भी है। पूरे गांव को भी वही संभालती हैं।
उनका मानना है कि शिक्षा से बड़ा कोई हथियार नहीं है, इसलिए जवानी के वक्त उन्होंने अपना एक गांव में स्कूल खोला था, जिसकी प्रिंसिपल वह खुद ही थी। खुद ही बस चला कर बच्चों को और अध्यापकों को घर से लाती थीं और उन्हें वापस भी घर छोड़ कर आती थी। शायद आप सभी ने पहली बार ऐसा किस्सा सुना हो कि कोई प्रिंसिपल खुद ड्राइवर बनकर बच्चों को लाने और छोड़ने का काम करती हो।
आत्मनिर्भरता के लिए नहीं की शादी
नवरूप कौर ने कहा कि जिंदगी में आत्मनिर्भर बनने और लोगों की सेवा में वह इतनी व्यस्त हो गईं कि अपनी शादी के बारे में उन्होंने कभी सोचा ही नहीं। न ही शादी के बारे में उनके मन में कोई ख्याल आया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता पढ़े-लिखे थे तो उन्होंने उनकी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया। भाई सेना में चला गया। उन्होंने पढ़ाई लिखाई के बाद गांव में बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्कूल खोल लिया।

खेत में ट्रैक्टर लेकर जाती नवरूप कौर
कई बच्चे अफसर बने तो कई विदेश में सेटल
नवरूप कौर ने कहा कि मेरे दिल में था की मैं अपने गांव के बच्चों को पढ़ा सकूं। ताकि वह भी अच्छे मुकाम हासिल कर सकें। आज उन्हें इसकी खुशी भी है कि जिस मकसद से उन्होंने स्कूल खोला था उसमें वह कामयाब रही हैं। उनके पढ़ाए बच्चे आज जहां अफसर हैं वहीं पर कई विदेश में जाकर सेटल हो गए। उन्होंने जो मेहनत की थी वह फल ले आई है।
स्कूल बंद करने के बाद शुरू की खेती
नवरूप कौर ने बताया कि स्कूल बंद होने के बाद मैंने खेती करनी शुरू की, और मुझे इस काम में बहुत ज्यादा सुकून मिलता है। अक्सर मुझे लोग पूछते हैं की आप 75 साल की उम्र में ट्रैक्टर कैसे चला लेते हैं, तो मैंने उन्हें कहा कि इससे मेरा शरीर चलता है और अगर मैं काम ना करूं तो खुद को बीमार महसूस करना शुरू कर देती हूं। वह किसी भी तरह की कोई भी दवाई नहीं खाती, सिर्फ नेचुरल प्रोटीन ही खाती हूं।
उन्होंने कहा कि आज की नौजवान पीढ़ी को वह यही कहना चाहती हैं कि जो काम है करना चाहते हैं उसको वह पूरे जी-जान से करें। कभी भी खुद के अंदर नेगेटिविटी ना लेकर आएं।






