IRCTC Tatkal Ticket Booking News: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप सुबह-सुबह तत्काल टिकट बुक करने बैठे हों, और जैसे ही बुकिंग खुली, पलक झपकते ही सारी सीटें फुल हो गईं? यह हताशा हर उस आम यात्री ने महसूस की है जिसे त्योहारों या छुट्टियों में घर जाना होता है। लेकिन अब भारतीय रेलवे ने इस ‘गायब होती टिकटों’ के पीछे के खेल को खत्म करने के लिए एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे दलालों की दुकान बंद होनी तय है।
3 करोड़ फर्जी आईडी पर चला डिजिटल डंडा
रेल मंत्रालय ने टिकटों की कालाबाजारी करने वाले एक बड़े नेक्सस का पर्दाफाश करते हुए इस साल अब तक 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी आईडी (Fake IDs) को बंद कर दिया है। मंत्रालय की जांच में सामने आया कि टिकट बुक करने के लिए जिस तरह की मारा-मारी मचती थी, उसके पीछे एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था। ब्लॉक की गई इन आईडी में ज्यादातर अनऑथोराइज्ड डीलर्स और दलालों की थीं, जो सॉफ्टवेयर और बॉट्स (Bots) का इस्तेमाल करके आम आदमी से पहले टिकट उड़ा ले जाते थे।
टेक्नोलॉजी ने तोड़ी दलालों की कमर
रेलवे ने इस बार सिर्फ कार्रवाई नहीं की, बल्कि तकनीक को अपना हथियार बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बॉट्स को रोकने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका नतीजा यह हुआ है कि अब सिस्टम में सेंध लगाना मुश्किल हो गया है। दलाल जो पहले सॉफ्टवेयर के जरिए सेकंड्स में टिकट बुक कर लेते थे, अब वे रेलवे के डिजिटल सुरक्षा चक्र को भेद नहीं पा रहे हैं।
आधार ऑथेंटिकेशन से मिली असली यात्रियों को राहत
जरूरतमंदों को ही टिकट मिले, इसके लिए रेलवे ने ‘ऑनलाइन आधार ऑथेंटिकेशन बेस्ड बुकिंग’ की शुरुआत की है। फिलहाल इसे लंबी दूरी की 322 प्रमुख ट्रेनों में लागू किया गया है। इसका असर भी साफ दिखने लगा है। मंत्रालय का दावा है कि 96 सबसे व्यस्त (बिजी) ट्रेनों में से 95 ट्रेनों में अब तत्काल कंफर्म टिकट मिलना पहले के मुकाबले काफी आसान और तेज हो गया है।
एक मिनट में रिकॉर्ड 31 हजार टिकट बुक
रेलवे की इस सफलता का अंदाजा एक आंकड़े से लगाया जा सकता है। इसी साल मई महीने में एक मिनट के भीतर रिकॉर्ड 31,814 तत्काल टिकट बुक किए गए। यह आंकड़ा बताता है कि जब सिस्टम से फर्जी आईडी और बॉट्स हट जाते हैं, तो आम जनता के लिए बुकिंग की स्पीड और उपलब्धता कितनी बढ़ जाती है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, कुछ समय पहले तक स्थिति यह थी कि ऑनलाइन तत्काल कोटा खुलते ही टिकटें खत्म हो जाती थीं। जब रेल मंत्रालय ने इसकी गहराई से जांच (डिकोड) की, तो पाया गया कि अवैध सॉफ्टवेयर और फर्जी आईडी के जरिए टिकटों की जमाखोरी हो रही थी। अब रेलवे न केवल कालाबाजारी रोक रहा है, बल्कि IRCTC की वेबसाइट को भी और ज्यादा एडवांस बना रहा है ताकि भविष्य में यात्रियों को टिकट बुकिंग में कोई परेशानी न आए।
मुख्य बातें (Key Points)
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रेल मंत्रालय ने इस साल 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक कीं।
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लंबी दूरी की 322 ट्रेनों में आधार ऑथेंटिकेशन बुकिंग सिस्टम लागू।
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96 में से 95 सबसे व्यस्त ट्रेनों में अब तत्काल टिकट मिलना हुआ आसान।
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मई में 1 मिनट के अंदर 31,814 तत्काल टिकट बुक होने का रिकॉर्ड बना।






