Tata Technologies IPO: इस भाव पर खुल सकता है आईपीओ, ग्रे मार्केट में शेयरों की जबरदस्त डिमांड

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Tata Technologies IPO

Tata Technologies IPO: करीब 19 साल बाद टाटा ग्रुप (Tata Group) की कोई कंपनी आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बाद अब टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) मार्केट में लिस्ट होने वाली है। कंपनी ने शुरुआती कागजात ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल कर दिया है। हालांकि अभी वैल्यूएशन और आईपीओ प्राइस फिक्स नहीं हुआ है लेकिन इसका आकलन शुरू हो चुका है। ग्रे मार्केट की बात करें तो इसके शेयरों के लिए जबरदस्त डिमांड दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स अधिक महत्व के हैं।

ग्रे मार्केट में क्या है स्थिति और आईपीओ का क्या हो सकता है प्राइस

घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक ग्रे मार्केट में इसके शेयर 830 रुपये के आस-पास ट्रेड हो रहे हैं। unlistedArena.com के फाउंडर अभय दोशी के मुताबिक करीब तीन साल पहले 2020 में यह महज 100 रुपये पर था। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके शेयरों को लेकर कितनी मारामारी है। वहीं अगर आईपीओ वैल्यूएशन और प्राइस की बात करें तो अनुज गुप्ता का मानना है कि इसका मार्केट कैप 10 हजार-11 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। वहीं इसका आईपीओ 260 रुपये से 280 रुपये की रेंज में हो सकता है।

पिछले महीने Tata Tech ने फाइल किया था ड्राफ्ट

बाजार नियामक सेबी के पास टाटा टेक ने पिछले महीने मार्च में ड्राफ्ट फाइल किया था। इसकी योजना 9.57 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री हो सकती है जो इसके पेड-अप कैपिटल का 23.6 फीसदी है। हालांकि इसके तहत कोई भी शेयर नया नहीं जारी होगा और कंपनी के प्रमोटर्स-शेयरहोल्डर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे। इसमें से टाटा मोटर्स की योजना अधिकतम 8,11,33,706 शेयर, अल्फा टीसी होल्डिंग्स की 97,16,853 शेयर और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की 48,58,425 शेयर बेचने की है। टाटा मोटर्स को टाटा टेक के 30,30,06,000 शेयर 7.40 रुपये, अल्फा टेक को 2,94,45,010 शेयर 25.10 रुपये और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड को 1,47,22,500 शेयर 25.10 रुपये के औसत भाव में मिले थे।

कब तक खुलेगा आईपीओ

टाटा टेक ने पिछले महीने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट फाइल किया था। अब इस पर सेबी दो महीने के भीतर फैसला ले सकती है। अगर सेबी ने ड्राफ्ट में कोई दिक्कत गिनाई तो कंपनी को इसे फिर से फाइल करना होगा। सेबी से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ऑफर साइज और प्राइस बैंड फिक्स कर सकती है। अगर सब कुछ सही तरीके से चलता रहा तो यह आईपीओ अगली तिमाही में खुल सकता है।

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