इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री ने मार्च में पकड़ी रफ्तार, Tata Motors की टॉप पोजिशन बरकरार

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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री ने मार्च में पकड़ी रफ्तार, Tata Motors की टॉप पोजिशन बरकरार

देश में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले महीने इन व्हीकल्स का मार्केट दोगुना हो गया। यह पिछले वर्ष मार्च में 1.3 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष के समान महीने में 2.6 प्रतिशत पर पहुंच गया। इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की रिटेल सेल्स मार्च में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 130 प्रतिशत बढ़ी है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, मार्च में 8,566 इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष के इसी महीने में यह बिक्री 3,718 यूनिट्स की थी। फरवरी की तुलना में यह बढ़ोतरी 87.85 प्रतिशत की है। इस वर्ष फरवरी में 4,560 इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री हुई थी। इस सेगमेंट में टाटा मोटर्स 7,137 यूनिट्स बेचकर पहले स्थान पर रही। FADA ने बताया कि व्हीकल्स की रिटेल सेल्स का डेटा रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के साथ मिलकर देश भर के RTO से एकत्र किया गया है।

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की मार्च में सेल्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 57.71 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले महीने 85,793 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के मार्च में 54,400 यूनिट्स का था। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स का मार्केट शेयर बढ़कर 5.9 प्रतिशत हो गया है। यह पिछले वर्ष के इसी महीने में 4.2 प्रतिशत का था। इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की बिक्री वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 82.21 प्रतिशत बढ़ी है। मार्च में 45,229 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स बेचे गए। यह बिक्री पिछले वर्ष के इसी महीने में 24,823 यूनिट्स की थी। इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स का मार्केट शेयर बढ़कर 52.1 प्रतिशत हो गया है। इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की मार्च में बिक्री वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 171.32 प्रतिशत अधिक रही है। पिछले महीने 350 इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री हुई। यह पिछले वर्ष के समान महीने में 129 यूनिट्स की थी।

इस वर्ष के इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था, “ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। देश का EV मार्केट 2022 से 2030 के बीच लगभग 49 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है। यह 2030 तक एक करोड़ यूनिट्स तक पहुंच सकता है। पिछले वर्ष यह लगभग 10 लाख यूनिट्स का था।” इस इंडस्ट्री से 2030 तक लगभग पांच करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स बन सकती हैं। EV से जुड़ी इंडस्ट्री को मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने कई उपाय किए हैं।

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