Tarn Taran By-election : पंजाब की हॉट सीट तरनतारन उपचुनाव का मुकाबला बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। कभी जीत की दावेदार मानी जा रही कांग्रेस पार्टी अब मुकाबले में पिछड़ती नजर आ रही है। इसकी बड़ी वजह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के वे बयान बने, जिन्होंने तरनतारन में डेरा डालने के बावजूद पार्टी की संभावनाओं को तगड़ा झटका दिया है।
पहले अच्छी स्थिति में दिख रही कांग्रेस पिछले कुछ हफ्तों में घटी घटनाओं, खासकर वड़िंग की बयानबाजी के कारण, अचानक बैकफुट पर आ गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन बयानों ने कांग्रेस को मुकाबले में पहले, दूसरे या तीसरे नंबर की दौड़ से भी बाहर कर दिया है।
‘खालिस्तान’ और ‘विवादित टिप्पणियों’ ने बिगाड़ा खेल
तरनतारन में चुनाव प्रचार की कमान खुद राजा वड़िंग ने संभाल रखी थी। वह घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे और रोड शो कर रहे थे। लेकिन इसी दौरान उन्होंने “हमें खालिस्तान नहीं, हिंदुस्तान चाहिए” जैसा बयान दिया, जिसने ‘पंथक’ माने जाने वाले इस हलके में एक नई बहस छेड़ दी।
इसके अलावा, पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह पर की गई विवादित टिप्पणी का भी एससी कमीशन ने नोटिस ले लिया। इन बयानों ने कांग्रेस के खिलाफ एक नैरेटिव सेट कर दिया, जिससे पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
नया चेहरा और अंदरूनी कलह भी बनी वजह
कांग्रेस की कमजोरी की एक और वजह उम्मीदवार का नया चेहरा होना भी है। पार्टी ने करणवीर सिंह बुर्ज को टिकट दिया, जिन्हें इलाके के लोग ज्यादा पहचानते नहीं थे। जबकि टिकट के कई और पुराने दावेदार भी थे।
इसके अलावा, कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी भी खुलकर सामने आई। लुधियाना की तरह यहां भी मंच पर राजा वड़िंग और भारत भूषण आशू के बीच मनमुटाव की तस्वीरें चर्चा का विषय बनीं, जिससे कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया।
अकाली और ‘आप’ को सीधा फायदा
कांग्रेस के इस सेल्फ गोल का सीधा फायदा शिरोमणि अकाली दल और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) को मिलता दिख रहा है। तरनतारन को अकाली दल का ‘पंथक’ गढ़ माना जाता है। कांग्रेस की कमजोरी से अकाली दल अपने कोर वोट बैंक को एकजुट करने में सफल होता दिख रहा है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक की मौत के बाद यह उपचुनाव हो रहा है, ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भी पूरी ताकत झोंके हुए है। कांग्रेस के कमजोर पड़ने से मुख्य मुकाबला अब ‘आप’ और अकाली दल के बीच ही सिमटता जा रहा है।
क्या है पृष्ठभूमि?
तरनतारन की यह सीट आम आदमी पार्टी के विधायक की मृत्यु के बाद खाली हुई थी, जिसके चलते यहां उपचुनाव हो रहे हैं। इस उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। कांग्रेस ने यहां करणवीर सिंह बुर्ज को, अकाली दल ने प्रिंसिपल सुखविंदर कौर को और ‘आप’ ने अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। कल यानी 14 तारीख को नतीजों से साफ हो जाएगा कि तरनतारन का ताज किसके सिर सजेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
- तरनतारन उपचुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग के विवादित बयानों से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है।
- “खालिस्तान” और पूर्व गृह मंत्री पर टिप्पणी जैसे बयानों ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया।
- उम्मीदवार का नया चेहरा और पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी भी कांग्रेस की कमजोरी का कारण बनी।
- कांग्रेस के पिछड़ने से मुख्य मुकाबला अब सीधे तौर पर अकाली दल और आम आदमी पार्टी के बीच हो गया है।






