Side Effects of Supplements : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट और एक्टिव रखने की होड़ में लोग विटामिन B12 को ‘जादुई गोली’ मान बैठे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना डॉक्टरी सलाह के ली गई ये ‘ताकत की दवा’ आपके शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग यानी किडनी को धीरे-धीरे खत्म कर सकती है? हालिया रिपोर्ट्स ने सप्लीमेंट्स के अंधाधुंध इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हर कोई आज थकान, सुस्ती या याददाश्त की कमी महसूस होते ही मेडिकल स्टोर की तरफ भागता है। बिना सोचे-समझे विटामिन B12 की गोलियां या इंजेक्शन लेना अब एक आम चलन बन चुका है। लेकिन जो विटामिन आपको सेहत का सहारा लग रहा है, वह असल में आपकी किडनी पर एक भारी बोझ डाल रहा है। सप्लीमेंट्स का बाजार जितनी तेजी से बढ़ा है, उतनी ही तेजी से लोग इसके साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज कर रहे हैं। विटामिन शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन हर किसी के लिए और हर मात्रा में यह सुरक्षित नहीं है।
किडनी मरीजों के लिए खतरे की घंटी
विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी हमारे शरीर में खून को छानने का काम करती है। विटामिन B12 पानी में घुलने वाला होता है, यानी आमतौर पर अतिरिक्त विटामिन यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाता है। लेकिन समस्या तब आती है जब किडनी पहले से कमजोर हो या ठीक से काम न कर रही हो। ऐसे में यह फिल्टर करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। कनाडा में हुई एक रिसर्च ने इस पर चौंकाने वाले परिणाम दिए हैं। अध्ययन में पाया गया कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे जिन डायबिटीज के मरीजों को B12 और B6 की भारी खुराक दी गई, उनकी किडनी की कार्यक्षमता दूसरों के मुकाबले बहुत तेजी से गिरने लगी।
जरूरत से कई गुना ज्यादा डोज
एक स्वस्थ वयस्क को रोजाना महज 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 की जरूरत होती है। लेकिन बाजार में मिलने वाले सप्लीमेंट्स और टेबलेट्स में इसकी मात्रा 500 से लेकर 1000 माइक्रोग्राम तक होती है। यह शरीर की वास्तविक जरूरत से कई गुना ज्यादा है। एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी तो इस अतिरिक्त भार को संभाल लेती है, लेकिन कमजोर किडनी वाले लोगों के शरीर में यह विटामिन जमा होने लगता है, जो लंबे समय में जहर का काम कर सकता है।
इंजेक्शन का फैशन और बुजुर्गों पर असर
आजकल ग्लोइंग स्किन और इंस्टेंट एनर्जी के लिए B12 के इंजेक्शन लगवाना एक ‘फैशन’ बन गया है। लोग दोस्तों की सलाह पर इंजेक्शन लगवा लेते हैं, लेकिन यह नहीं समझते कि इंजेक्शन सीधे खून में जाता है और पाचन तंत्र को बाईपास कर देता है। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज हैं, तो यह ‘डायरेक्ट हिट’ आपकी किडनी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। 50 साल की उम्र के बाद भोजन से विटामिन सोखने की क्षमता कम हो जाती है और किडनी भी कमजोर होने लगती है, ऐसे में बुजुर्गों को सप्लीमेंट लेते समय बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
दवाओं का खतरनाक कॉम्बिनेशन
अक्सर मरीज एक साथ कई दवाएं खाते हैं। जैसे डायबिटीज की दवा ‘मेटफॉर्मिन’ और एसिडिटी की कुछ दवाएं शरीर में B12 के स्तर को प्रभावित करती हैं। वहीं, अगर आप विटामिन B12 के साथ बहुत ज्यादा विटामिन सी ले रहे हैं, तो यह B12 के अवशोषण में रुकावट डाल सकता है। बिना सोचे-समझे सप्लीमेंट्स का कॉकटेल बनाना नुकसानदेह है।
आम पाठक पर असर (Human Impact):
यह खबर हर उस आम आदमी के लिए एक चेतावनी है जो थोड़ी सी थकान होने पर खुद ही डॉक्टर बन जाता है। आपकी यह आदत आपको डायलिसिस की मशीन तक पहुंचा सकती है। याद रखें, सेहत बनाने के चक्कर में कहीं आप उसे हमेशा के लिए खो न दें।
विश्लेषण (Analysis):
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर, यह समझना जरूरी है कि समस्या विटामिन में नहीं, बल्कि ‘सेल्फ-मेडिकेशन’ (खुद इलाज करने) की प्रवृत्ति में है। वेलनेस इंडस्ट्री ने विटामिन्स को ‘टॉफी’ की तरह पेश किया है, जिससे लोगों को लगता है कि इसका कोई नुकसान नहीं हो सकता। लेकिन रासायनिक रूप से, किसी भी तत्व की अधिकता शरीर के अंगों पर दबाव डालती है। किडनी एक ऐसा अंग है जो 80% खराब होने तक लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए यह ‘साइलेंट डैमेज’ सबसे ज्यादा खतरनाक है।
जानें पूरा मामला
विटामिन B12 नसों, खून और डीएनए के निर्माण के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से थकान और कमजोरी होती है। इसी कमी को पूरा करने के लिए लोग सप्लीमेंट्स लेते हैं। लेकिन हालिया मेडिकल चेतावनियां बताती हैं कि “ज्यादा मतलब बेहतर” का फॉर्मूला यहां लागू नहीं होता। विशेषकर कमजोर किडनी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों में अनियंत्रित डोज जानलेवा साबित हो सकती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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स्वस्थ वयस्क को रोज सिर्फ 2.4 माइक्रोग्राम B12 चाहिए, जबकि गोलियों में 1000 माइक्रोग्राम तक होता है।
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कनाडा की रिसर्च के अनुसार, हाई डोज से डायबिटीज के मरीजों की किडनी तेजी से खराब हुई।
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इंजेक्शन सीधे खून में जाने के कारण किडनी पर अचानक दबाव डालते हैं।
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मेटफॉर्मिन और विटामिन सी के साथ B12 का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।






