नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में देश की जनता का मूड क्या है? NDA को 400 पार के दावे का क्या आधार है? चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे हावी हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए NBT की टीम ने C-Voter के संस्थापक संपादक और राजनीतिक विश्लेषक यशवंत देशमुख के साथ संवाद किया।
सवाल: 2024 के चुनाव को कैसे देख रहे हैं? सर्वे के आंकड़ों के आधार पर क्या विश्लेषण सामने आ रहा है?
जवाब: कोविड के दूसरे दौर के छह महीने को छोड़ दें तो पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता 60% से ज्यादा ही रही है। कोविड के समय एक बार तीन महीने के लिए उनकी लोकप्रियता 46% पर आई थी। उस समय भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अधिकतम लोकप्रियता 26% ही थी। वोट प्रेजिडेंशल तरीके से मांगा जा रहा है। पिछले 75 साल की इलेक्टोरल डेमोक्रेसी में सत्ता विरोधी लहर माइक्रो लेवल पर होती है। इसका असर यह होता है कि किसी पार्टी के सिटिंग MP, MLA हार जाते हैं। 2004 और 2024 में अंतर को देखें। खासकर पिछले 10 साल में लोगों ने ‘स्प्लिट वोट’ करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में ही लें तो यहां MCD में कांग्रेस ज्यादा सीट जीत सकती है। विधानसभा में अरविंद केजरीवाल बड़ा बहुमत ला सकते हैं और लोकसभा चुनाव में BJP 7-0 से क्लीन स्वीप कर सकती है। यह अंतर आया है और अब भी पीएम मोदी की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है। BJP को इसका फायदा मिलेगा।
सवाल: BJP 370 और NDA 400+ का दावा कर रही है। इसको कैसे देखते हैं?
जवाब: BJP के वोट 40% तो पहले के चुनावों में भी आ रहे थे। NDA के वोट भी जुड़ेंगे। इसके अलावा स्विंग वोटर्स को अपनी ओर लाने के लिए BJP पूरी कोशिश कर रही है। ज्यादा से ज्यादा वोटर टर्न आउट हो इस रणनीति पर वह काम कर रही है। 370 का नारा साइकोलॉजिकल ऑपरेशन की तरह किया गया है। पीएम जिस दिन संसद में बोले उसके बाद से किसी ने चर्चा नहीं कि बहुमत का आंकड़ा 272 क्रॉस होगा या नहीं। 300 पार होगा या नहीं। सारी चर्चा, सारा कलेवर, विपक्ष का नैरेटिव भी यह हो गया कि उनको 272 से नीचे रोक देंगे। हम 250 से पहले रोक देंगे।
सवाल:मोदी की लोकप्रियता की बात की जा रही है, लेकिन 107 सांसद बदले जा चुके हैं। क्या BJP एंटी इंकबेंसी से बचने की कोशिश कर रही है?
जवाब: यह BJP की गुजरात में अपनाई गई रणनीति है। 25 साल अच्छे से फाइन ट्यून किया। अब BJP की ओर से केंद्र में भी उसे लागू किया जा रहा है। बेशक इसका असर जरूर पड़ेगा।
सवाल:विपक्ष के नेताओं पर ED की कार्रवाई हो रही है, जबकि अजित पवार BJP के साथ आ जाते हैं तो अलग रुख होता है। क्या इसका असर वोटर्स पर होगा?
जवाब:महाराष्ट्र और बंगाल में कड़ा मुकाबला होगा। उत्तर भारत के कई राज्य एकतरफा दिख रहे हैं। BJP का कोर वोटर अजित पवार को वोट कैसे देगा? उनके खिलाफ ही राजनीति की है? उतना ही बड़ा विरोधाभास है कि उद्धव ठाकरे का वोटर कांग्रेस को कैसे वोट करेगा? महाराष्ट्र और बिहार, जहां पर BJP ने तमाम दागदार नेता लिए हैं यह इस चुनाव में बेशक मोदी की छवि के कारण ज्यादा असर न डाल पाए लेकिन दीर्घकाल में BJP को इसका नुकसान भी हो सकता है।
सवाल: 2014 से भी तक करप्शन का मुद्दा इफेक्ट करता है, AAP समेत कई पार्टियां ED के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं?
जवाब:अरविंद केजरीवाल का मामला विपक्ष के बाकी नेताओं से अलग है। केजरीवाल अब भी अच्छे खासे पॉपुलर हैं। अब यह देखना होगा कि AAP इस दबाव को कितना सह पाती है? इलेक्टोरल बॉण्ड पर विपक्ष के नेताओं ने रामलीला मैदान में हुई रैली में नहीं बोला। विपक्ष BJP को घेर सकता है कि बॉण्ड पर पैसा लिया लेकिन अगर सबने पैसा लिया इनको हमसे ज्यादा मिलेगा यह नहीं चलेगा। यही कारण है कि बॉण्ड वाला मामला बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया। वहीं केजरीवाल के विरोध में पिछले तीन साल से कांग्रेस नेता अजय माकन ने अभियान छेड़ रखा था। शराब घोटाले में उन्होंने कई आरोप लगाए थे। अब कार्रवाई हो रही है तो जनता के बीच कांग्रेस नेता कैसे जाएंगे? AAP पर कार्रवाई से BJP से ज्यादा कांग्रेस वाले खुश हैं। AAP ने ही शीला दीक्षित से दिल्ली और कांग्रेस से पंजाब में सत्ता छीनी थी।
सवाल: BJP दक्षिण भारत में बहुत मेहनत कर रही है?
जवाब: पिछले 10 साल में तीन राज्य ऐसे हैं, जहां पीएम की लोकप्रियता नेगेटिव रही है। उनमें केरल, तमिलनाडु और पंजाब शामिल हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस उतनी ही बड़ी शून्य है, जितनी BJP है। वहां पर AIADMK और BJP के बीच लड़ाई है कि कौन ऊपर आएगा। वह दावा ठोकेगा कि हम विपक्ष हैं। हो सकता है कि तमिलनाडु में AIADMK खाली हाथ रहे और BJP की दो से तीन सीटें आ जाएं। केरल में BJP के लिए ज्यादा अवसर नहीं है। तिरुवनंतपुरम में कांटे की लड़ाई है। केरल एक तरह से UPA या इंडिया का वह ब्लॉक है कोई जीते फायदा I.N.D.I.A. ब्लॉक है। ओडिशा में कोई जीते फायदा NDA को होगा। कर्नाटक में BJP और तेलंगाना में कांग्रेस का अपर हैंड है।
सवाल: BJP के पास मोदी जैसे चेहरा है, क्या I.N.D.I.A. जमीन पर काम करता दिख रहा है? राहुल ने दो बड़ी यात्राएं की हैं?
जवाब: 2004 और 2024 में बेस लाइन का अंतर है। 200 सीटें कांग्रेस और BJP डायरेक्ट फाइट में हैं। BJP 50% या कुछ जगहों पर 60% टच कर रही है। सामने वाले के लिए बहुत ज्यादा गुंजाइश बचती नहीं है। इतना बड़ा गैप होता है तो मामला निपट जाता है। विपक्ष की समस्या रीजनल पार्टियां नहीं हैं। विपक्ष की सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस और कांग्रेस की चुनौती उनका राजपरिवार है। इन 200 सीटों पर कांग्रेस का ग्राफ नहीं उठेगा तो बचे विपक्ष के नेता कितनी भी कोशिश कर लें कुछ हासिल नहीं होगा।
सवाल: चुनाव में सीटों को लेकर क्या आकलन है?
जवाब: BJP 272 सीट तो हासिल करेगी ही। 337 तक सीटें तक आ सकती हैं। I.N.D.I.A. की 150 और अधिकतम 200 तक सीटें तक आ सकती हैं। कांग्रेस की सीटों में 10 का इजाफा हो सकता है और 60 सीटों तक पहुंच सकती है। ओडिशा में लोकसभा में BJP और विधानसभा में BJD को फायदा होगा। बिहार में JDU की सीट पर लड़ने वाले वाले संकट में रहेंगे और BJP को फायदा होगा। गुजरात की सभी लोकसभा सीटों पर BJP के ही जीतने की संभावना है। राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़, हरियाणा में भी BJP को फायदा ही फायदा है। कर्नाटक में अच्छी लड़ाई हो सकती है और कांग्रेस कुछ सीटें जीत सकती है। पंजाब में AAP 6 से 7 सीटें जीत सकती है। दिल्ली में BJP एक बार फिर सातों सीटें जीत सकती है। UP में भी BJP को कम-से-कम 70 सीटें तो मिलने की पूरी-पूरी संभावना है। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।