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  • एलियंस लैब में बना रहे ब्रह्मांड, हार्वर्ड प्रोफेसर के इस दावे से मची सनसनी!

    एलियंस लैब में बना रहे ब्रह्मांड, हार्वर्ड प्रोफेसर के इस दावे से मची सनसनी!

    Aliens News: एलियंस को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते रहे हैं. किसी का कहना है कि वो हमारे बीच में हैं, तो किसी का दावा है कि अभी वो हमसे संपर्क नहीं करना चाहते हैं. इस बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने सनसनीखेज दावा किया है. उनका कहना है कि एलियंस शायद ब्रह्मांड को ही बनाने में लगे हुए हैं.  दावा है कि एलियंस ने हमारे ब्रह्मांड जैसे कई ब्रह्मांड लैब में बना लिए हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमी डिपार्टमेंट के पूर्व अध्यक्ष एवी लोएब एलियंस की मौजूदगी को साबित करने में जुटे हुए हैं. उनका कहना है कि एलियंस हमसे ज्यादा अडवांस्ड हैं. उनके पास लैब में छोटे-छोटे यूनिवर्स यानी ब्रह्मांड को तैयार करने की काबिलियत है. प्रोफेसर यहां तक दावा कर देते हैं कि एलियंस ने ही हमारे ब्रह्मांड को बनाया है. एवी लोएब पहले भी इस तरह के सनसनीखेज दावे करते रहे हैं. 

    प्रोफेसर लोएब ने क्या कहा?

    फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर लोएब इन दिनों प्रशांत महासागर में अंतरिक्ष से आकर गिरे एक ऑब्जेक्ट के बरामद हुए टुकड़ों पर स्टडी कर रहे हैं. फॉक्स न्यूज से बातचीत में लोएब ने बताया कि एलियंस सभ्यताएं हमसे लाखों साल आगे हैं. उन्होंने इस बात को समझ लिया है कि आखिर किस तरह से क्वांटम मैकेनिक्स और ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण को एकजुट करना है.

    उनके मुताबिक, ऐसा करने पर वो स्थिति पैदा होती है, जिसके जरिए ब्रह्मांड अस्तित्व में आता है. भले ही लैब में ब्रह्मांड तैयार करने की बात थोड़ी ज्यादा मालूम होती है. मगर वैज्ञानिकों ने पहले भी सिंगल सेल ऑर्गेनिज्म बनाए हैं. प्रोफेसर का कहना है कि ये एक ऐसी क्वालिटी है, जो हम धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर को देते हैं. हालांकि, कई सारे वैज्ञानिकों ने प्रोफेसर लोएब के दावों पर सवाल उठाए हैं.

    जब ओमुआमुआ को बताया एलियंस का जहाज

    प्रोफेसर लोएब सालों से अपने दावों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. उनका सबसे हैरतअंगेज दावा ये था कि 2017 में वैज्ञानिकों के जरिए खोजा गया ओमुआमुआ नाम का अंतरिक्ष का एक ऑब्जेक्ट एलियंस का जहाज था. उनके इस दावे को लेकर वैज्ञानिकों ने उनकी आलोचना की थी. हालांकि, इसके बाद भी प्रोफेसर लोएब अपनी रिसर्च में जुटे हैं और लोगों को गलत साबित करना चाहते हैं.

  • एलियंस अब तक हमें क्यों नहीं मिले? आइए इस सवाल का जाना जाए जवाब

    एलियंस अब तक हमें क्यों नहीं मिले? आइए इस सवाल का जाना जाए जवाब

    Aliens News: दुनिया का सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं? क्या सच में एलियंस हैं और अगर वो मौजूद हैं तो अभी तक हमारी मुलाकात उनसे क्यों नहीं हुई है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां इनका जवाब ढूंढने में लगी हुई हैं. धरती पर लगाए गए बड़े-बड़े टेलिस्कोप के जरिए एलियंस के मैसेज सुनने की कोशिश हो रही है.

    लोगों का कहना है कि इंसान ने इतनी ज्यादा तरक्की कर ली है. चांद से लेकर मंगल ग्रह तक स्पेसक्राफ्ट भेजे गए हैं. यहां तक कि NASA के वॉयजर-1 और वॉयजर-2 स्पेसक्राफ्ट तो सौरमंडल के पार जा चुके हैं. मगर अब तक वे भी एलियंस को खोज नहीं पाए हैं. हालांकि, आइए अब उन वजहों के बारे में जानते हैं, जिनकी वजह से अभी तक हमें एलियंस नहीं मिल पाए हैं.

      • ब्रह्मांड में शायद इंसान के अलावा ज्यादा बुद्धिमान प्रजाति मौजूद नहीं है. अगर किसी ग्रह पर जीवन है, तो वो अभी बैक्टीरिया या सूक्ष्म जीव के तौर पर मौजूद है. इसलिए इंसानों से उनका संपर्क नामुमकिन है.
      • इंसान से बुद्धिमान प्रजाति अगर मौजूद है, तो उसके पास शायद अडवांस्ड टेक्नोलॉजी नहीं है. वर्तमान में रेडियो टेलिस्कोप के जरिए अंतरिक्ष से आने वाले मैसेज को सुनने का प्रयास किया जाता है. हो सकता है कि एलियंस के पास मैसेज भेजने के लिए ऐसा कोई डिवाइस नहीं हो.
      • एक वजह ये भी हो सकती है कि कभी किसी ग्रह पर बुद्धिमान एलियंस रहे हों. मगर उन्होंने ऐसा हथियार बना लिया हो, जिसने पूरे ग्रह को ही तबाह कर दिया. शायद उनके पास परमाणु बम जैसा हथियार हो, जिसने पूरी सभ्यता को ही मिटा दिया हो.
      • ब्रह्मांड एक खतरनाक जगह है. अगर किसी ग्रह पर एक एस्टेरॉयड भी गिर जाए, तो वह पूरी प्रजाति का अंत कर सकता है. धरती पर डायनासोर ऐसे ही खत्म हुए हैं. हो सकता है कि एलियंस से भरे किसी ग्रह से एस्टेरॉयड टकरा गया हो, जिसकी वजह से सभी की मौत हो गई.
      • अंतरिक्ष बहुत बड़ा है. हमारी आकाशगंगा की एक छोर से दूसरे छोर तक की दूरी ही एक लाख प्रकाशवर्ष है. अगर इसके किसी कोने पर मौजूद ग्रह से भी मैसेज भेजा गया हो, तो उसे आने में कई लाख साल लग जाएंगे.
      • एलियंस को ढूंढने का काम ज्यादा लंबे समय से नहीं हो रहा है. 80 साल पहले रेडियो टेलिस्कोप की खोज हुई और पिछले 60 साल से एलियंस की तलाश चल रही है. ऐसे में अभी एलियंस की खोज करते हुए हमें ज्यादा वक्त नहीं हुआ है.
      • एक वजह ये हो सकती है कि एलियंस हमसे ज्यादा अडवांस्ड हैं. रेडियो टेलिस्कोप हमारी सबसे अडवांस्ड टेक्नोलॉजी है, मगर हो सकता है एलियंस के पास इससे भी ज्यादा अडवांस्ड टेक्नोलॉजी हो. इसलिए हमें उनके बराबर की टेक्नोलॉजी हासिल करनी पड़ेगी.
      • कुछ वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि एलियंस शायद जानबूझकर हमसे संपर्क नहीं कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि फिलहाल के लिए इंसानों से संपर्क करने की जरूरत नहीं है.