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  • अमित शाह, नड्डा ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को दी शुभकामनाएं

    अमित शाह, नड्डा ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को दी शुभकामनाएं

    नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (The News Air) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को बधाई देते हुए आरएसएस को मातृभूमि की सेवा और स्वाभिमान के लिए युवाओं को समर्पण की प्रेरणा देकर राष्ट्र निर्माण में अद्वितीय योगदान देने वाला संगठन बताया है।

    अमित शाह ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका का जिक्र करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, “भारत की युवाशक्ति में राष्ट्रसेवा की भावना और राष्ट्रप्रथम के विचारों को सींचने के लिए कृतसंकल्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं।”

    अमित शाह ने आगे कहा, “गत 9 दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मातृभूमि की सेवा और स्वाभिमान के लिए युवाओं को अपने कण-कण व क्षण-क्षण के समर्पण की प्रेरणा देकर राष्ट्रनिर्माण में अद्वितीय योगदान दे रहा है।”

    भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ स्थापना दिवस की बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, “माँ भारती के वैभव को परम उत्कर्ष के शिखर पर स्थापित करने के लिए संकल्पित ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के स्थापना दिवस पर समस्त स्वयंसेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।”

    नड्डा ने संघ के योगदान का जिक्र करते हुए आगे कहा, “समाज में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, राष्ट्रवाद के प्रति अनन्य समर्पण और निःस्वार्थ जनसेवा का आपका ध्येय सदैव हमारा पथ-प्रशस्त करते रहेंगे।”

  • राजस्थान चुनाव : अमित शाह और नड्डा की राज्य के नेताओं के साथ बैठक

    राजस्थान चुनाव : अमित शाह और नड्डा की राज्य के नेताओं के साथ बैठक

    नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (The News Air) राजस्थान में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ अहम बैठक कर रहे हैं।

    जेपी नड्डा के आवास पर चल रही बैठक में अमित शाह और बीएल संतोष के अलावा राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह सहित कई अन्य नेता भी मौजूद हैं।

    बताया जा रहा है कि इस बैठक में, राजस्थान में होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट पर विचार मंथन होना है।

    इससे पहले, भाजपा ने राजस्थान के लिए अपनी पहली लिस्ट 9 अक्टूबर को जारी की थी जिसमें पार्टी ने 41 उम्मीदवारों की घोषणा की थी।

  • भाजपा का ‘मिशन बिहार’ : सहयोगियों का फिक्स किया कोटा, अपने सांसदों को दिया यह निर्देश

    भाजपा का ‘मिशन बिहार’ : सहयोगियों का फिक्स किया कोटा, अपने सांसदों को दिया यह निर्देश

    नई दिल्ली, 18 अगस्त (The News Air) भाजपा ने 2024 के लोक सभा चुनाव में नीतीश-तेजस्वी-कांग्रेस और अन्य दलों के महागठबंधन को मात देने के लिए ‘मिशन बिहार’ का अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है।

    इस ब्लू प्रिंट के तहत जहां एक तरफ भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को दी जाने वाली लोकसभा की सीटों का कोटा फिक्स कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ अपनी पार्टी के सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर डट जाने का निर्देश दिया है।

    भाजपा ने इसके साथ ही छोटे-छोटे सहयोगी दलों और अपने खास नेताओं के बल पर बिहार के जातीय समीकरण को साधते हुए कुशवाहा, निषाद, दलित और महादलित मतदाताओं के साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सबसे मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले अति पिछड़ा समाज के कुर्मी और कोइरी वोटरों को भी लुभाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

    भाजपा न केवल नीतीश कुमार के वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है बल्कि उनके सांसदों पर भी भाजपा की नजरें बनी हुई है।

    सूत्रों की माने तो, भाजपा इस बार बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 31 सीटों पर स्वयं लड़ने की तैयारी कर रही है और अपने गठबंधन के सहयोगी दलों को 9 सीट देने का प्लान बना चुकी है।

    भाजपा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा और हाल ही में फिर से एनडीए गठबंधन के साथ जुड़े चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास), दोनों दलों को मिलाकर सिर्फ छह सीटें ही देने के मूड में है।

    बताया जा रहा है कि चाचा और भतीजे दोनों को यह संकेत दे दिया गया है कि वे हाजीपुर लोकसभा सीट सहित अपने सभी विवादित मुद्दों को सुलझा लें।

    भाजपा इस बार फिर से साथ आए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोजद को इस बार सिर्फ दो लोकसभा सीट ही देने के मूड में है और अगर हम के जीतन राम मांझी लोकसभा सीट को लेकर अड़े रहे तो भाजपा उनके या उनके बेटे के लिए सिर्फ एक सीट देने को तैयार है।

    वीआईपी के मुकेश सहनी के भी फिर से एनडीए गठबंधन में वापसी के दरवाजे अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं। वहीं, इसके साथ ही भाजपा ने अपने वर्तमान सांसदों को भी अपने-अपने संसदीय इलाकों में जाकर टिक जाने का निर्देश दे दिया है।

    पार्टी ने सांसदों को सख्त हिदायत दी है कि आधिकारिक काम के बिना वे अनावश्यक रूप से न तो दिल्ली आएं और न ही अपने संसदीय क्षेत्र को छोड़कर कहीं और जाएं।

    ऐसा नहीं करने वाले सांसदों का पार्टी टिकट तक काटने की चेतावनी दे चुकी है। यह माना जा रहा है कि पार्टी इस बार अपने 2-3 सांसदों का टिकट काट सकती है या उनके संसदीय क्षेत्र में बदलाव भी कर सकती है।

    पार्टी बिहार की मुस्लिम बहुल सीटों पर भी ज्यादा ध्यान दे रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जहां एक तरफ नीतीश के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास लगातार जारी है तो वहीं अपने सहयोगियों पासवान, मांझी और कुशवाहा के समर्थन के अलावा जेडीयू के कुछ सांसदों को भाजपा में शामिल कराकर जातीय गणित को भी साधने की योजना बना ली गई है।

    बता दें कि भाजपा ने सैद्धांतिक रूप से यह भी फैसला किया है कि इस बार एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को भी उनके उम्मीदवार की जीत पाने की संभावना के आधार पर ही सीटें दी जाएगी और अगर किसी सहयोगी के पास जीतने वाले उम्मीदवार नहीं हुए तो फिर भाजपा अपने नेता को उस सहयोगी दल के बैनर तले लड़ा सकती है।